KALAHARI DESERT

 

कालाहारी मरुस्थल 

कालाहारी मरुस्थल अफ्रीका महाद्वीप का एक विशाल और अद्वितीय मरुस्थलीय क्षेत्र है, जिसे अपनी प्राकृतिक विविधताओं और विशिष्ट जलवायु के लिए विश्वभर में जाना जाता है। यह मरुस्थल दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और नामीबिया के भागों में फैला हुआ है। लगभग 9 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला कालाहारी दुनिया के प्रमुख मरुस्थलों में से एक है। इसका नाम त्सवाना भाषा के शब्द “Kgalagadi” से निकला है, जिसका अर्थ है—“वह स्थान जहाँ जल का अभाव हो।”

कालाहारी मरुस्थल की जलवायु बेहद शुष्क और गर्म होती है। यहाँ वर्षा बहुत कम होती है, फिर भी इसे पूर्ण रूप से रेगिस्तान नहीं माना जाता क्योंकि वर्षा के कुछ समय बाद यहाँ घास, झाड़ियाँ और कुछ विशेष पौधे उग आते हैं। इस क्षेत्र में पाई जाने वाली लाल–रंगी रेत इसकी खास पहचान बनाती है। हवा से उड़ती रेत के टीले और विशाल मैदान इसे बेहद आकर्षक और रहस्यमयी रूप देते हैं।

प्राकृतिक दृष्टि से यह मरुस्थल अत्यंत समृद्ध है। कालाहारी में अनेक वन्यजीव पाए जाते हैं जिनमें शेर, चीता, जिराफ, शुतुरमुर्ग, मृग, हाइना तथा कई छोटे जीव शामिल हैं। यहाँ का कालाहारी गेम रिजर्व दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस मरुस्थल में रहने वाली सैन जनजाति (Bushmen) अफ्रीका की सबसे पुरानी जनजातियों में से एक मानी जाती है, जो अपनी विशिष्ट संस्कृति, शिकार–कौशल और प्राकृतिक वातावरण के साथ तालमेल के लिए प्रसिद्ध है।

कालाहारी का आर्थिक और पर्यावरणीय महत्व भी बहुत अधिक है। यहाँ की भूमि में कुछ खनिज संसाधन भी पाए जाते हैं, जो कई देशों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। भले ही यह मरुस्थल कठोर परिस्थितियों वाला है, लेकिन इसकी प्राकृतिक सुंदरता, जैव–विविधता और सांस्कृतिक विरासत इसे अद्वितीय बनाती है। इस प्रकार, कालाहारी मरुस्थल अफ्रीका की प्राकृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा है।

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