VEER KUNWAR SINGH

 

वीर कुंवर सिंह 

वीर कुंवर सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम संग्राम (1857) के महानायक और बिहार के गौरव थे। उनका जन्म 1777 ई. में बिहार के भोजपुर ज़िले के जगदीशपुर में हुआ था। वे उज्जैनिया राजपूत वंश से ताल्लुक रखते थे। कुंवर सिंह उस समय 80 वर्ष से भी अधिक आयु के थे, जब देश में 1857 का विद्रोह आरंभ हुआ। इतनी अधिक आयु में भी उन्होंने जिस साहस, नेतृत्व क्षमता और वीरता का परिचय दिया, वह उन्हें इतिहास के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों में स्थान दिलाता है।

1857 के विद्रोह के दौरान जब ब्रिटिश शासन के खिलाफ पूरे देश में असंतोष की लहर थी, तब वीर कुंवर सिंह ने भी अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध का नेतृत्व संभाला। उन्होंने अपने क्षेत्र के किसानों, जवानों और सैनिकों को संगठित कर अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी। अंग्रेजी सेना के अत्याचारों और भ्रष्ट नीतियों के विरुद्ध उन्होंने जनता को जागरूक किया और विद्रोह को मजबूत आधार दिया। जगदीशपुर उनका किला विद्रोह का प्रमुख केंद्र बन गया।

कुंवर सिंह ने अपनी रणनीति, युद्ध कौशल और अद्वितीय नेतृत्व के बल पर अरrah, आरा, दानापुर, बक्सर तथा गाजीपुर तक अंग्रेजों की सेना को मात दी। आरा की लड़ाई में उन्होंने अंग्रेजी सैनिकों को बड़े पैमाने पर पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। कहते हैं कि गंगा नदी पार करते समय एक गोली उनके हाथ में लगी, और संक्रमण बढ़ने पर उन्होंने तलवार से अपना घायल हाथ स्वयं काटकर नदी में बहा दिया। यह घटना उनके साहस और अदम्य आत्मबल का प्रतीक है।

युद्ध के दौरान कई बार वे कम संख्या में सैनिकों के बावजूद अंग्रेजों पर भारी पड़े। उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रभाव इतना था कि अनेक क्षेत्रों के विद्रोही समूह उनसे प्रेरित होकर लड़ाई में शामिल हुए। अंततः 23 अप्रैल 1858 को 82 वर्ष की आयु में उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनका अंतिम नारा था— “हमारा आख़िरी दम देश के नाम!”

वीर कुंवर सिंह न केवल एक योद्धा थे, बल्कि स्वाभिमान, स्वतंत्रता और देशभक्ति के प्रतीक भी हैं। बिहार में उनका नाम आज भी सम्मान और गर्व के साथ लिया जाता है। 1857 के संग्राम में उनके योगदान ने भारत की स्वतंत्रता की नींव को मजबूत किया और आने वाली पीढ़ियों को स्वतंत्रता का मार्ग दिखाया। वे सदैव भारतीय इतिहास के अमर क्रांतिकारी के रूप में याद किए जाते रहेंगे।

Comments

Popular posts from this blog

MAHUA BAGH GHAZIPUR

GUJARATI ALPHABETS AND SYMBOLS