KABUL
काबुल (Kabul)
काबुल अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह देश के पूर्वोत्तर भाग में काबुल नदी के किनारे स्थित है और समुद्र तल से लगभग 1,800 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है। काबुल न केवल राजनीतिक केंद्र है, बल्कि अफ़ग़ानिस्तान का सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक केंद्र भी माना जाता है। प्राचीन काल से ही यह शहर मध्य एशिया, ईरान और भारतीय उपमहाद्वीप के व्यापार मार्गों का प्रमुख संगम रहा है।
काबुल का इतिहास करीब 3,500 वर्ष पुराना माना जाता है। यह शहर कई साम्राज्यों और शासकों के अधीन रहा, जिनमें मौर्य, कुषाण, ग़ज़नवी, तैमूरी, मुग़ल और दुर्रानी साम्राज्य शामिल हैं। बाबर, जिसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी, काबुल को बेहद प्रिय शहर मानता था। उसकी आत्मकथा तुग़लक–ए–बाबरी में काबुल की सुंदरता, बाग–बगीचे और जलवायु का विस्तृत वर्णन मिलता है।
काबुल की भौगोलिक स्थिति इसे रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण बनाती है। यहाँ के चारों ओर ऊँचे पहाड़, घाटियाँ और संकरी दर्रियाँ हैं, जो इसे प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करती हैं। शहर की जलवायु ठंडी और शुष्क रहती है। सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, जबकि गर्मियाँ हल्की और सुखद होती हैं।
काबुल का सांस्कृतिक जीवन भी काफी समृद्ध है। यहाँ संग्रहालय, विश्वविद्यालय, पुस्तकालय, ऐतिहासिक मस्जिदें और पारंपरिक बाज़ार मौजूद हैं। काबुल संग्रहालय में अफ़ग़ानिस्तान की हजारों वर्षों पुरानी सभ्यता से जुड़े दुर्लभ अवशेष सुरक्षित हैं। शहर के पारंपरिक बाज़ार जैसे चमन–ए–होज़ोरी और मंडई बाज़ार स्थानीय जीवन की झलक प्रस्तुत करते हैं।
हालाँकि पिछले कई दशकों में काबुल ने युद्ध और संघर्षों का सामना किया है, फिर भी यह शहर पुनर्निर्माण, शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। काबुल आज भी अफ़ग़ानिस्तान की पहचान का प्रमुख प्रतीक है, जो अपनी ऐतिहासिक गहराई, विविध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण विशेष महत्व रखता है।
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