GANGOTRI GLACIER

 

गंगोत्री हिमनद 

गंगोत्री हिमनद (Gangotri Glacier) हिमालय की विशाल और महत्त्वपूर्ण हिमनद श्रंखलाओं में से एक है, जिसे गंगा नदी का प्रमुख स्रोत माना जाता है। यह हिमनद उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री पर्वतमाला के पास स्थित है। लगभग 30 किलोमीटर लंबा और 2 से 4 किलोमीटर चौड़ा यह हिमनद समुद्र तल से लगभग 4,000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसके मुख को गोमुख कहा जाता है, जहाँ से पिघलते हुए हिम का जल भागीरथी नदी का रूप लेकर बाहर आता है।

गंगोत्री हिमनद धार्मिक, भौगोलिक और पारिस्थितिक—तीनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में गंगा नदी को पवित्र माना गया है और इसका उद्गम स्थल होने के कारण गंगोत्री हिमनद तीर्थयात्रियों के लिए अत्यंत पावन स्थान है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुँचते हैं और गोमुख तक पैदल यात्रा कर गंगा मैया के दिव्य उद्गम का दर्शन करते हैं।

भौगोलिक दृष्टि से गंगोत्री हिमनद हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हिमनद उत्तर भारत की जल संसाधन प्रणाली को पोषित करता है। हिमनद के पिघलने से वर्षभर जल की उपलब्धता बनी रहती है, जिससे भागीरथी के माध्यम से गंगा का प्रवाह निरंतर चलता रहता है। इस नदी तंत्र पर करोड़ों लोगों की आजीविका, कृषि, प्राणि-जगत और जैव विविधता निर्भर करती है।

हालाँकि, वैज्ञानिकों के अनुसार गंगोत्री हिमनद तेजी से पिघल रहा है। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और मानव हस्तक्षेप इसके घटते आकार के प्रमुख कारण हैं। यदि यह प्रक्रिया अनियंत्रित रही तो भविष्य में जल संकट और पारिस्थितिक असंतुलन की समस्या गहरा सकती है।
इसलिए आवश्यक है कि हिमालयी पर्यावरण का संरक्षण किया जाए और गंगोत्री हिमनद जैसी प्राकृतिक धरोहरों को बचाने के लिए जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाई जाए—क्योंकि यही स्रोत भारत की जीवनदायिनी गंगा को निरंतरता प्रदान करता है।

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