ARTICLE 240
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 240 (Article 240)
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 240 केंद्र सरकार को कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विधायी अधिकार प्रदान करता है। इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति उन केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आवश्यक कानून बना सकते हैं जहाँ पूर्ण रूप से विधान सभा नहीं है या जहाँ विशेष प्रावधान लागू होते हैं। यह अनुच्छेद संविधान के भाग VIII (केंद्र शासित प्रदेश) में शामिल है।
अनुच्छेद 240 का प्रमुख आशय
अनुच्छेद 240 भारत के राष्ट्रपति को यह शक्ति देता है कि वे निम्नलिखित केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विनियम (Regulations) बना सकें—
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
- लक्षद्वीप
- दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव
- लद्दाख
- पुडुचेरी (कुछ परिस्थितियों में)
यह विनियम उसी प्रकार प्रभावी होते हैं जैसे किसी राज्य की विधान सभा द्वारा बनाए गए कानून।
अनुच्छेद 240 के मुख्य बिंदु
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राष्ट्रपति की विधायी शक्ति
- राष्ट्रपति इन केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विशेष विनियम जारी कर सकते हैं।
- ये विनियम संसद के कानूनों के समान ही मान्य होते हैं।
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बाद में संशोधन या निरसन
- राष्ट्रपति द्वारा बनाए गए किसी भी विनियम को बाद में संशोधित या रद्द किया जा सकता है।
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पुडुचेरी के लिए विशेष प्रावधान
- जब पुडुचेरी में विधानसभा कार्यरत होती है, तब राष्ट्रपति का यह अधिकार सीमित हो जाता है।
- यदि पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू हो, तभी अनुच्छेद 240 की शक्ति प्रभावी होती है।
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संविधान में संशोधन के बाद परिवर्तन
- समय–समय पर केंद्र शासित प्रदेशों के पुनर्गठन और नए प्रदेशों के निर्माण के बाद इस अनुच्छेद में संबंधित संशोधन किए गए हैं।
अनुच्छेद 240 का महत्व
अनुच्छेद 240 उन केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को प्रभावी और सुचारु बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है जहाँ लोकतांत्रिक कानून निर्माण की पूरी संरचना मौजूद नहीं होती। इस अनुच्छेद के माध्यम से केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करती है कि—
- प्रशासन निरंतर चलता रहे,
- कानूनों की कमी न हो,
- स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार नीतियाँ बनाई जा सकें।
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