OFB

 

ओएफबी (Ordnance Factory Board) 

ओएफबी, जिसे ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कहा जाता है, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख संगठन था, जो देश की सैन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हथियार, गोला-बारूद और विभिन्न रक्षा उपकरणों का निर्माण करता था। इसकी स्थापना 1775 में हुई मानी जाती है, जब ब्रिटिश शासन के दौरान पहली बार कोलकाता में हथियार निर्माण की इकाई स्थापित की गई थी। लंबे समय तक ओएफबी देश की रक्षा उत्पादन क्षमता का मुख्य आधार रहा और इसे “भारत का रक्षा उत्पादन स्तंभ” भी कहा जाता था।

ओएफबी के अंतर्गत लगभग 41 कारखाने कार्यरत थे, जो देश के विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे। ये कारखाने हथियार, टैंक के पुर्जे, तोपें, गोलियाँ, विस्फोटक, सुरक्षात्मक जैकेट, वाहन तथा अन्य सैन्य सामग्री का उत्पादन करते थे। भारत की सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके अतिरिक्त यह कई उत्पाद नागरिक क्षेत्रों जैसे रेलवे, खनन, निर्माण और वाहन उद्योग के लिए भी तैयार करता था।

ओएफबी का प्रबंधन एक बोर्ड द्वारा किया जाता था, जिसमें उच्चस्तरीय तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होते थे। संगठन अपने अनुसंधान एवं विकास कार्यों के माध्यम से आधुनिक तकनीक को अपनाने और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने पर निरंतर कार्य करता रहा। इसके कई कारखाने आधुनिक मशीनों, उन्नत उत्पादन सुविधाओं और गुणवत्ता नियंत्रण प्रणालियों से सुसज्जित थे।

2021 में भारत सरकार ने ओएफबी का पुनर्गठन करते हुए इसे सात नई रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विभाजित कर दिया। इस कदम का उद्देश्य उत्पादन क्षमता बढ़ाना, कार्यकुशलता सुधारण और पारदर्शिता सुनिश्चित करना था। इसके बाद ओएफबी के कारखाने इन नई कंपनियों के अंतर्गत कार्यरत हो गए।

संक्षेप में, ओएफबी भारत की रक्षा उत्पादन प्रणाली का आधारस्तंभ रहा है। इसने देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत किया और दशकों तक सैनिकों को विश्वसनीय हथियार और उपकरण उपलब्ध कराए।

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