SAMRAT CHOWDHURY
सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) बिहार की राजनीति में एक प्रमुख और विवादित चेहरा हैं। उनका असली नाम राकेश कुमार है और वे 16 नवंबर 1968 को बिहार के मुंगेर जिले के लखनपुर गांव में जन्मे थे। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत है — उनके पिता शकुनी चौधरी भी पूर्व में एक दिग्गज राजनेता रहे हैं।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर अपना करियर नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाया। मार्च 2023 में उन्हें भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, यह इस बात का संकेत था कि पार्टी उन पर काफी भरोसा करती है। इसके बाद वे 2025 में तारापुर विधानसभा सीट से जीतकर बिहार के उपमुख्यमंत्री बने।
सम्राट चौधरी की जाति कोइरी (कुशवाहा) है, और वे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधि माने जाते हैं। उनकी संपत्ति भी चर्चा का विषय रही है — उनके हलफनामे में 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ, जिसे राजनीतिक हलचल का कारण माना गया। साथ ही उनकी आयु और शैक्षणिक योग्यताओं को लेकर भी विवाद उठे हैं।
राजनीतिक दृष्टिकोण से, सम्राट चौधरी संगठन और सरकार दोनों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने पार्टी संगठन में लीडरशिप की भूमिका निभाई है और विधानसभा स्तर पर भी अपनी पकड़ मजबूत की है। वे समय-समय पर नीतिश कुमार की स्वीकार्यता पर बयान देते रहे हैं, जिससे उनकी राजनीतिक रणनीति को समझना दिलचस्प हो जाता है।
हालाँकि आलोचनाओं के बावजूद, सम्राट चौधरी का लोकप्रिय समर्थन खासी मजबूत है। उनके समर्थक उन्हें “ओबीसी चेहरा” और बिहार में विकास-पोलिटिक्स का प्रभारी नेता मानते हैं। उनकी राजनीति में तीखे बयान, सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक कौशल उन्हें बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाते हैं।
कुल मिलाकर, सम्राट चौधरी न केवल पार्टी के भीतर बल्कि बिहार सरकार में भी एक प्रभावशाली नेतृत्व शक्ति हैं, जिन्होंने अपनी करपा और शैली के दम पर कई राजनीतिक मुकाम हासिल किए हैं।
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