*सम्पूर्ण क्रांति
**सम्पूर्ण क्रांति:**
**अर्थ:**
"सम्पूर्ण क्रांति" का अंग्रेजी में अनुवाद "Total Revolution" होता है। यह एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन से जुड़ा हुआ शब्द है जो भारत में हुआ था।
**महत्व:**
1. **सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन:** सम्पूर्ण क्रांति का उद्देश्य समाज, राजनीति, और शासन के विभिन्न पहलुओं में व्यापक परिवर्तन लाना था।
2. **समर्थन:** असमर्थित वर्गों की समस्याओं का समाधान करने और उनके सशक्तिकरण के लिए यह आंदोलन प्रयास कर रहा था।
**नेता:**
जयप्रकाश नारायण, जिन्हें जेपी कहा जाता था, सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़े हुए एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने लोगों को विद्यमान राजनीतिक और सामाजिक तंत्रों के खिलाफ मोबाइलाइज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
**राजनीतिक प्रभाव:**
1. **आपातकाल का समाप्त होना:** सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन ने भारत में आपातकाल के दौरान (1975-1977) प्रमुखता प्राप्त की। यह आंदोलन, जेपी द्वारा नेतृत्व किया गया, सामराज्यकारी नियम के खिलाफ जनसमर्थन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. **प्रजातंत्र की पुनर्स्थापना:** आंदोलन ने आपातकाल के बाद भारत में प्रजातंत्रिक प्रक्रियाओं और नागरिक स्वतंत्रता की पुनर्स्थापना में योगदान किया।
**महत्व:**
1. **लोगों का आंदोलन:** सम्पूर्ण क्रांति एक जन आंदोलन था जिसमें विभिन्न जीवन के क्षेत्रों से लोग शामिल थे, जो विद्यमान राजनीतिक संरचनाओं के खिलाफ असंतोष व्यक्त कर रहे थे।
2. **स्वराज के लिए आवाज:** आंदोलन ने "सम्पूर्ण स्वराज" या पूर्ण स्वराज की आवश्यकता को बढ़ावा देने का प्रमुखता दिया, जिसमें शक्ति का अधिकृतत्व और प्रतिभागी लोकतंत्र को बल मिला।
**अन्य:**
1. **जयप्रकाश नारायण की दृष्टि:** जेपी की सम्पूर्ण क्रांति के लिए दृष्टिकोण को गांधीवादी सिद्धांतों और एक न्यायसंगत और समान भारत के विचार में निहित था।
2. **विरासत:** आंदोलन ने भारतीय राजनीति पर एक दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ा, जिससे लोकतंत्र, शासन, और सामाजिक न्याय पर आगे की चर्चाओं पर प्रभाव डाला।
सम्पूर्ण क्रांति भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग की भूमिका निभाती है, जो समृद्धिशील और लोकतांत्रिक समाज के लिए सामूहिक आकांक्षा को प्रतिष्ठित करती है।
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