GOVARDHAN PUJA
गोवर्धन पूजा दीपावली के चौथे दिन मनाई जाती है, जो सामान्यत: अक्टूबर या नवंबर में होता है। इसे भगवान कृष्ण को समर्पित किया जाता है और इसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा की उत्पत्ति भगवान कृष्ण के एक किरदार से जुड़ी है, जोने वृंदावन के निवासियों को इंद्र, वर्षा के देवता, के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था।
इस दिन का धार्मिक महत्व है, क्योंकि इससे भक्ति और धर्म की जीत अहंकार और गर्व के ऊपर होती है। लोग गोवर्धन पूजा को गौड़ गोबर या अन्य सामग्रियों से बनाकर उसे विभिन्न खाद्य आइटम्स से सजाकर मनाते हैं। भक्त भगवान कृष्ण के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए पूजा और अनुष्ठान करते हैं।
गोवर्धन पूजा दीपावली के चौथे दिन मनाई जाती है, जो सामान्यत: अक्टूबर या नवंबर में होता है। इसे भगवान कृष्ण को समर्पित किया जाता है और इसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा की उत्पत्ति भगवान कृष्ण के एक किरदार से जुड़ी है, जोने वृंदावन के निवासियों को इंद्र, वर्षा के देवता, के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था।
गोवर्धन पूजा दीपावली के चौथे दिन मनाई जाती है, जो सामान्यत: अक्टूबर या नवंबर में होता है। इसे भगवान कृष्ण को समर्पित किया जाता है और इसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा की उत्पत्ति भगवान कृष्ण के एक किरदार से जुड़ी है, जोने वृंदावन के निवासियों को इंद्र, वर्षा के देवता, के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था।
इस दिन का धार्मिक महत्व है, क्योंकि इससे भक्ति और धर्म की जीत अहंकार और गर्व के ऊपर होती है। लोग गोवर्धन पूजा को गौड़ गोबर या अन्य सामग्रियों से बनाकर उसे विभिन्न खाद्य आइटम्स से सजाकर मनाते हैं। भक्त भगवान कृष्ण के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए पूजा और अनुष्ठान करते हैं।
गोवर्धन पूजा की पॉपुलैरिटी व्यापक है, विशेषकर भगवान कृष्ण के अनुयायियों और उन लोगों के बीच जो दीपावली का आयोजन करते हैं। यह इस समय के उत्सवों का एक अभिन्न हिस्सा है, जिससे आभास होता है कि कृतज्ञता, विनम्रता, और भक्ति का महत्व व्यक्ति के जीवन में है।
इस दिन का धार्मिक महत्व है, क्योंकि इससे भक्ति और धर्म की जीत अहंकार और गर्व के ऊपर होती है। लोग गोवर्धन पूजा को गौड़ गोबर या अन्य सामग्रियों से बनाकर उसे विभिन्न खाद्य आइटम्स से सजाकर मनाते हैं। भक्त भगवान कृष्ण के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए पूजा और अनुष्ठान करते हैं।
गोवर्धन पूजा की पॉपुलैरिटी व्यापक है, विशेषकर भगवान कृष्ण के अनुयायियों और उन लोगों के बीच जो दीपावली का आयोजन करते हैं। यह इस समय के उत्सवों का एक अभिन्न हिस्सा है, जिससे आभास होता है कि कृतज्ञता, विनम्रता, और भक्ति का महत्व व्यक्ति के जीवन में है।
गोवर्धन पूजा की पॉपुलैरिटी व्यापक है, विशेषकर भगवान कृष्ण के अनुयायियों और उन लोगों के बीच जो दीपावली का आयोजन करते हैं। यह इस समय के उत्सवों का एक अभिन्न हिस्सा है, जिससे आभास होता है कि कृतज्ञता, विनम्रता, और भक्ति का महत्व व्यक्ति के जीवन में है।
Comments
Post a Comment