KARTIK EKADASHI
**कार्तिक एकादशी:**
**धार्मिक महत्व:**
कार्तिक एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिन्दू माह कार्तिक के ग्यारहवें दिन को मनाया जाता है। इसे उपावस और भक्ति के दिन के रूप में धार्मिक महत्व है। कार्तिक एकादशी का पालन करने से पापों का शुद्धिकरण होने और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होने का विश्वास है।
**भूगोल:**
भारत भर में व्यापक रूप से मनाई जाने वाली, कार्तिक एकादशी को वाराणसी और मथुरा जैसे पवित्र स्थलों में विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु मंदिरों की यात्रा करते हैं, आशीर्वाद प्राप्त करने और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए।
**संबंधित देवता और रीतिरिवाज:**
कार्तिक एकादशी से जुड़े हुए देवता भगवान विष्णु हैं। भक्त इस दिन उपवास करते हैं, भोजन और पानी से बचते हैं। उपवास को अगले दिन, द्वादशी, में तोड़ा जाता है। कई लोग विशेष पूजाएं करते हैं, मंदिरों की यात्रा करते हैं और भक्ति गतिविधियों में शामिल होते हैं।
**पौराणिक पहलुएँ:**
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक एकादशी का पालन राजा हरिश्चंद्र की कहानी से जुड़ा है। इस उपवास को करके, किसी को ऐश्वमेध यज्ञ का समान लाभ प्राप्त हो सकता है।
कार्तिक एकादशी एक आध्यात्मिक विचार और भक्ति का दिन है, जहां भक्त भगवान विष्णु की दिव्य आशीर्वाद की क़ीमत पर मेहनत करते हैं और आंतरिक शुद्धि की कोशिश करते हैं।
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