CONSOLIDATED FUND OF INDIA

 

भारत की समेकित निधि (Consolidated Fund of India) – 

भारत की समेकित निधि (Consolidated Fund of India) देश की सबसे महत्वपूर्ण सरकारी निधि है। इसका उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 266(1) में किया गया है। इस निधि को भारत सरकार की मुख्य राजस्व निधि कहा जाता है और इसमें केंद्र सरकार की सभी आयें जमा होती हैं।

समेकित निधि में शामिल स्रोत:

  1. कर राजस्व (Tax Revenue): इसमें आयकर, माल एवं सेवा कर (GST), सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क आदि से प्राप्त धनराशि शामिल होती है।
  2. गैर-कर राजस्व (Non-Tax Revenue): इसमें लाभांश, ब्याज, शुल्क, सेवा शुल्क, जुर्माने आदि से प्राप्त आय आती है।
  3. ऋण और उधार: केंद्र सरकार द्वारा लिया गया आंतरिक और बाह्य ऋण, साथ ही उसका पुनर्भुगतान भी इसी निधि में जोड़ा जाता है।

व्यय:

भारत सरकार द्वारा किए जाने वाले सभी खर्च, चाहे वह सामान्य प्रशासन पर हो, विकास कार्यों पर हो, रक्षा या सामाजिक कल्याण योजनाओं पर, उन्हें इसी निधि से किया जाता है। हालाँकि, इस निधि से कोई भी व्यय संसद की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता। यानी संसद की मंजूरी आवश्यक होती है। संसद द्वारा अनुमोदित अनुदान (grants) और वार्षिक बजट से ही व्यय किया जाता है।

संसद की भूमिका:

समेकित निधि से व्यय के लिए संसद की पूर्व अनुमति आवश्यक होती है। बजट सत्र में वित्त मंत्री द्वारा संसद में वार्षिक वित्तीय विवरण (Budget) प्रस्तुत किया जाता है, जिसे संसद की स्वीकृति मिलती है। इसके बिना एक रुपये का भी खर्च नहीं किया जा सकता।

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की भूमिका:

CAG इस निधि से किए गए व्ययों की लेखा परीक्षा करता है और संसद को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।

राज्यों की समेकित निधियाँ:

ठीक इसी प्रकार हर राज्य की अपनी "राज्य समेकित निधि" होती है, जिसका संचालन राज्य की विधायिका की मंजूरी से होता है।

निष्कर्ष:

भारत की समेकित निधि, सरकारी वित्तीय प्रशासन की रीढ़ है। यह सुनिश्चित करती है कि देश के संसाधनों का उपयोग संविधानिक प्रावधानों और संसद की स्वीकृति के अनुसार हो। यह न केवल वित्तीय अनुशासन को बनाए रखती है, बल्कि शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी मजबूत बनाती है।


Comments

Popular posts from this blog

MAHUA BAGH GHAZIPUR