MOSSAD
मोसाद (Mossad) – इज़राइल की खुफिया एजेंसी
मोसाद (Mossad) इज़राइल की सबसे प्रमुख और गुप्त खुफिया एजेंसी है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्र करने, गुप्त अभियानों को अंजाम देने और आतंकवाद विरोधी कार्यों के लिए जानी जाती है। मोसाद को दुनिया की सबसे प्रभावशाली और खतरनाक खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है।
नाम और अर्थ
"मोसाद" का पूरा नाम है – HaMossad leModi'in uleTafkidim Meyuhadim, जिसका अर्थ है: "खुफिया और विशेष कार्यों के लिए संस्थान"। इसे सामान्यतः "मोसाद" के नाम से जाना जाता है।
स्थापना और इतिहास
मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर 1949 को हुई थी। इसे इज़राइल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन-गुरियन के आदेश पर स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य था, विदेशों में इज़राइल की सुरक्षा के लिए खुफिया जानकारी एकत्र करना और देश के दुश्मनों को रोकना।
1951 से मोसाद को प्रधानमंत्री के प्रत्यक्ष नियंत्रण में रखा गया और इसे पूरी स्वतंत्रता और गोपनीयता दी गई। इसका मुख्यालय तेल अवीव में स्थित है।
मुख्य कार्य और ज़िम्मेदारियाँ
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विदेशी खुफिया जानकारी एकत्र करना
मोसाद का मुख्य काम दुनिया भर से इज़राइल की सुरक्षा से संबंधित जानकारी एकत्र करना है। -
गुप्त अभियान चलाना (Covert Operations)
मोसाद दुश्मन देशों या आतंकवादियों के खिलाफ गुप्त हत्याएं, अपहरण और तोड़फोड़ जैसी कार्रवाईयाँ करता है। -
आतंकवाद के खिलाफ काम करना
मोसाद विश्वभर में आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखता है और समय-समय पर उनके खिलाफ कार्रवाई करता है। -
यहूदियों की सुरक्षा और रेस्क्यू मिशन
यह एजेंसी यहूदी लोगों की सुरक्षा, खासकर उन देशों में जहाँ वे खतरे में हैं, सुनिश्चित करती है और कई बार उन्हें इज़राइल लाने के गुप्त अभियान चलाती है।
प्रसिद्ध अभियान
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म्यूनिख ओलंपिक प्रतिशोध (ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड)
1972 के म्यूनिख ओलंपिक में इज़राइली खिलाड़ियों की हत्या के बाद, मोसाद ने दुनिया भर में जाकर 'ब्लैक सितंबर' संगठन के दोषियों को खोजकर मारा। -
ऑपरेशन एंतेबे (1976)
युगांडा में बंधक बनाए गए इज़राइली नागरिकों को छुड़ाने के लिए एक साहसी अभियान चलाया गया, जिसे इज़राइल की सेना और मोसाद ने मिलकर अंजाम दिया। -
ईरानी परमाणु दस्तावेज़ चोरी (2018)
मोसाद ने तेहरान में ईरान की परमाणु परियोजना से जुड़े गुप्त दस्तावेज़ चोरी कर इज़राइल लाने का कारनामा किया।
विवाद और आलोचना
मोसाद को उसकी गुप्त गतिविधियों और लक्षित हत्याओं के कारण आलोचना का सामना करना पड़ता है। कई बार इसके अभियानों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन माना गया है। फिर भी, इज़राइल इसे अपनी रक्षा के लिए आवश्यक मानता है।
निष्कर्ष
मोसाद सिर्फ एक खुफिया एजेंसी नहीं, बल्कि इज़राइल की सुरक्षा और अस्तित्व की रीढ़ है। इसकी गोपनीयता, सटीकता और वैश्विक अभियानों के कारण यह दुनिया की सबसे कुशल खुफिया एजेंसियों में मानी जाती है। जहां इसकी रणनीति की सराहना होती है, वहीं इसकी कठोरता और विवादास्पद तरीकों की आलोचना भी होती है।
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