INTERNATIONAL AIR SPACE RULES

 

अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र नियम (International Air Space Rules) 

अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र नियम (International Air Space Rules) वे दिशा-निर्देश और कानून होते हैं जो वैश्विक हवाई यातायात को सुरक्षित, सुचारू और संयमित रूप से संचालित करने के लिए बनाए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी देशों की हवाई सीमाओं का सम्मान किया जाए, हवाई दुर्घटनाओं से बचाव हो, और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का संचालन पारदर्शी ढंग से किया जा सके।

हवाई क्षेत्र मूलतः दो प्रकार के होते हैं:

  1. राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र (National Airspace) – प्रत्येक देश की सीमा के ऊपर 12 समुद्री मील (लगभग 22.2 किमी) तक फैला होता है और उस पर उस देश की संप्रभुता होती है।
  2. अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र (International Airspace) – यह समुद्री क्षेत्र के ऊपर या दो देशों के बीच के खुले क्षेत्रों में आता है, जिस पर किसी एक देश का नियंत्रण नहीं होता।

मुख्य नियम और संस्थाएं:

1. आईसीएओ (ICAO – International Civil Aviation Organization):

यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो नागरिक विमानन के नियमों और मानकों को निर्धारित करती है। ICAO की स्थापना 1944 में शिकागो कन्वेंशन के तहत हुई थी। इसकी जिम्मेदारी है कि वह सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाए और वैश्विक हवाई संचालन को सुरक्षित बनाए।

2. शिकागो कन्वेंशन (Chicago Convention):

यह 1944 में हस्ताक्षरित एक महत्वपूर्ण संधि है जिसमें 190+ देश शामिल हैं। इसके तहत निम्नलिखित अधिकार और नियम निर्धारित किए गए हैं:

  • हर देश को अपने हवाई क्षेत्र पर संप्रभुता प्राप्त है।
  • किसी भी विदेशी विमान को किसी देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए अनुमति लेनी होती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को पूर्व निर्धारित मार्गों और निर्देशों का पालन करना होता है।
  • नागरिक और सैन्य विमानों के लिए अलग-अलग नियम लागू होते हैं।

3. FIR (Flight Information Region):

विश्व के हवाई क्षेत्र को विभिन्न फ्लाइट इन्फॉर्मेशन रीजन (FIR) में बाँटा गया है। प्रत्येक FIR एक विशेष देश या प्राधिकरण के नियंत्रण में होता है जो उस क्षेत्र के विमानों को मार्गदर्शन और सुरक्षा सेवाएं प्रदान करता है।

4. नो-फ्लाई ज़ोन (No-Fly Zones):

कुछ क्षेत्र, जैसे युद्ध क्षेत्र, संवेदनशील सैन्य क्षेत्र या राजनीतिक रूप से संवेदनशील स्थान, नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किए जाते हैं, जहाँ किसी भी विमान का उड़ना प्रतिबंधित होता है।

सुरक्षा और दंड:

  • यदि कोई विमान बिना अनुमति किसी देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसे चेतावनी दी जाती है और आवश्यक हो तो रोका या नीचे उतरवाया जा सकता है।
  • हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को गंभीर अपराध माना जाता है और इसमें अंतर्राष्ट्रीय विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं।

निष्कर्ष:

अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र नियम वैश्विक सहयोग, शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। इन नियमों का पालन करके ही वायु यातायात को संरचित, नियंत्रित और सुरक्षित बनाया जा सकता है।


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