GARIB RATH EXPRESS
गरीब रथ एक्सप्रेस (Garib Rath Express)
गरीब रथ एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की एक विशेष श्रेणी की ट्रेन सेवा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2005 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता, विशेष रूप से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को एसी यात्रा की सुविधा कम किराए पर प्रदान करना था। "गरीब रथ" का अर्थ है – गरीबों की सवारी या गरीबों की रेलगाड़ी।
गरीब रथ एक्सप्रेस में केवल एसी कोच होते हैं, जो कि इसे अन्य ट्रेनों से अलग बनाते हैं। इसमें एसी 3-टियर और कुछ ट्रेनों में एसी चेयर कार की सुविधा होती है, लेकिन इनके किराए सामान्य एसी ट्रेनों की तुलना में काफी कम होते हैं। यही कारण है कि यह ट्रेन सेवा आम यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
हालांकि इन ट्रेनों में किराया कम होता है, लेकिन सुविधा और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाता। कोचों में वातानुकूलन, आरक्षित सीट व्यवस्था, और प्रशिक्षित स्टाफ की सेवाएं उपलब्ध होती हैं। हालांकि इसमें बेडरोल (कंबल, चादर आदि) की सुविधा आमतौर पर शामिल नहीं होती, यात्री इसे अलग से खरीद सकते हैं या साथ ला सकते हैं।
गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों की गति औसतन 60-80 किमी/घंटा होती है, और ये देश के विभिन्न प्रमुख शहरों जैसे नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पटना, रांची, जयपुर आदि को आपस में जोड़ती हैं। ये ट्रेनें सीमित स्टॉप्स के साथ चलती हैं, जिससे यात्रा का समय भी तुलनात्मक रूप से कम होता है।
इन ट्रेनों में एलएचबी (LHB) कोच का इस्तेमाल किया गया है, जो अधिक सुरक्षित और आरामदायक होते हैं। इनमें आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम और बेहतर सस्पेंशन होता है, जिससे यात्रा ज्यादा सुगम बनती है।
निष्कर्षतः, गरीब रथ एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की एक सामाजिक दृष्टिकोण से शुरू की गई अनोखी पहल है, जो आम आदमी को कम लागत में वातानुकूलित यात्रा का अवसर देती है। यह सेवा न केवल आर्थिक रूप से सस्ती है, बल्कि यह रेलवे की समावेशी नीति का उदाहरण भी है, जो हर वर्ग के यात्रियों को ध्यान में रखती है।
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