S-400 Defence Systems
एस-400 रक्षा प्रणाली (S-400 Defence Systems
एस-400 ट्रायंफ एक आधुनिक और शक्तिशाली वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है, जिसे रूस की आल्माज़-एंते (Almaz-Antey) कंपनी ने विकसित किया है। यह प्रणाली रूस की सेना में 2007 से उपयोग में है और इसे दुनिया की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है। एस-400 प्रणाली की विशेषता इसकी बहुपरत (multi-layered) सुरक्षा प्रणाली है, जो एक साथ कई प्रकार की हवाई खतरों से सुरक्षा प्रदान करती है, जैसे कि लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन।
तकनीकी विशेषताएं:
एस-400 प्रणाली एक साथ 36 लक्ष्य ट्रैक कर सकती है और 72 मिसाइलें लॉन्च कर सकती है। इसकी रडार प्रणाली 600 किलोमीटर तक की दूरी तक लक्ष्य का पता लगाने में सक्षम है। यह प्रणाली चार प्रकार की मिसाइलों का उपयोग कर सकती है: 40N6, 48N6, 9M96E2 और 9M96E। इनमें से 40N6 मिसाइल 400 किलोमीटर तक मार कर सकती है, जबकि अन्य मिसाइलें अलग-अलग दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं।
सिस्टम की संरचना:
एस-400 प्रणाली में निम्नलिखित घटक शामिल होते हैं:
- कमांड पोस्ट (Command Post): यह प्रणाली का नियंत्रण केंद्र होता है, जो सभी रडार और लॉन्चर से जानकारी प्राप्त करता है।
- रडार सिस्टम: यह 3D सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग रडार का उपयोग करता है, जो उच्च सटीकता से लक्ष्य को ट्रैक करता है।
- लॉन्चर व्हीकल: मिसाइलों को दागने के लिए मोबाइल ट्रक आधारित लॉन्चर का प्रयोग किया जाता है।
- सपोर्ट व्हीकल: ये वाहन मिसाइल पुनः लोड करने और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए होते हैं।
भारत और एस-400:
भारत ने 2018 में रूस के साथ 5 एस-400 प्रणालियों की खरीद के लिए लगभग 5.43 बिलियन डॉलर का समझौता किया। यह डील भारत की रक्षा क्षमताओं को और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था। चीन और तुर्की पहले ही इस प्रणाली को प्राप्त कर चुके हैं। एस-400 की तैनाती से भारत की वायु रक्षा प्रणाली को लंबी दूरी तक की सुरक्षा प्रदान होगी, विशेषकर पाकिस्तान और चीन से संभावित हवाई खतरों के विरुद्ध।
महत्व और आलोचनाएं:
एस-400 प्रणाली की मुख्य विशेषता इसकी बहुस्तरीय सुरक्षा और उन्नत रडार क्षमता है। यह किसी भी देश की रक्षा प्रणाली को अत्यधिक मजबूत बनाती है। हालांकि, इसकी खरीद को लेकर अमेरिका और नाटो देशों ने आपत्ति जताई है। अमेरिका ने CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है, विशेष रूप से तुर्की और भारत जैसे देशों को लेकर।
निष्कर्ष:
एस-400 ट्रायंफ रक्षा प्रणाली एक रणनीतिक हथियार है जो किसी देश की वायु सीमा की सुरक्षा को अत्यधिक मजबूती प्रदान करता है। इसकी उच्च तकनीक और बहुआयामी क्षमता इसे विश्व की सर्वश्रेष्ठ वायु रक्षा प्रणालियों में शामिल करती है। भारत जैसे देश के लिए इसका अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण रक्षा उपलब्धि मानी जाती है।
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