INS SHIVALIK
INS Shivalik
INS Shivalik: भारत का पहला स्टील्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट
INS Shivalik भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी रूप से निर्मित स्टील्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट है। यह "शिवालिक श्रेणी" (Shivalik-class) के तीन फ्रिगेट्स में से पहला है। INS Shivalik को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में बनाया गया और 29 अप्रैल 2010 को इसे भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। इसका नाम हिमालय की शिवालिक पर्वतमाला के नाम पर रखा गया है।
मुख्य विशेषताएँ:
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डिजाइन और निर्माण:
INS Shivalik को स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है और यह भारत का पहला ऐसा युद्धपोत है जिसमें स्टील्थ तकनीक का उपयोग किया गया है। इसका ढांचा ऐसे कोणों में बनाया गया है जिससे यह रडार पर कम नजर आता है, जिससे इसे "स्टील्थ फ्रिगेट" कहा जाता है। -
लंबाई और वजन:
इसकी लंबाई लगभग 142.5 मीटर और वजन लगभग 6,200 टन है। यह अपनी श्रेणी के बड़े और शक्तिशाली जहाजों में से एक है। -
गति और रेंज:
INS Shivalik की अधिकतम गति लगभग 32 समुद्री मील है और यह बिना रुके हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।
हथियार प्रणाली:
INS Shivalik में आधुनिक हथियार प्रणालियाँ और सेंसर लगे हैं:
- ब्रह्मोस और क्लब मिसाइलें – सतह से सतह पर मार करने के लिए।
- बैराक-1 और एसएएम मिसाइलें – हवाई खतरों से निपटने के लिए।
- 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट (SRGM) – तटीय और हवाई रक्षा के लिए।
- CIWS (Close-In Weapon System) – नज़दीकी सुरक्षा के लिए।
- टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन रॉकेट लांचर – पनडुब्बियों के खतरे से निपटने के लिए।
हेलीकॉप्टर डेक:
INS Shivalik पर दो हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं, जैसे कि HAL Dhruv या Sea King, जो गश्त और पनडुब्बी रोधी अभियान में सहायता करते हैं।
भूमिका और उपयोग:
INS Shivalik को भारतीय नौसेना के विभिन्न अभियानों में लगाया गया है, जैसे:
- हिंद महासागर क्षेत्र में गश्ती
- अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास (जैसे मालाबार, रिमपैक)
- मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान
निष्कर्ष:
INS Shivalik भारत की तकनीकी प्रगति और नौसैनिक शक्ति का प्रतीक है। यह युद्धपोत न केवल स्वदेशी क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय नौसेना की वैश्विक भूमिका को भी मजबूत करता है। INS Shivalik भारतीय समुद्री सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
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