BIHAR SARAS MELA
बिहार सरस मेला (Saras Mela)
बिहार के पटना में गांधी मैदान में चल रहा सरस मेला 2025 इस साल एक बार फिर बहुत सफल रहा है। यह मेला ग्रामीण कारीगरी, हस्तशिल्प, स्थानीय पारंपरिक उत्पादों और महिला उद्यमियों के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है।
इस बार का मेला 12 से 28 दिसंबर 2025 तक आयोजित हो रहा है और इसके दौरान बड़े पैमाने पर भीड़ देखने को मिल रही है। विभिन्न जिलों और राज्यों से आए ग्रामीण कलाकारों और शिल्पकारों ने मेले में अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं, जिनमें कपड़े, हैंडलूम, हस्तशिल्प, सजावटी सामान, जैविक वस्तुएं तथा पारंपरिक व्यंजन शामिल हैं।
सबसे ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, सरस मेले ने अब तक लगभग ₹5.09 करोड़ की कुल बिक्री दर्ज की है और इसमें करीब 3.48 लाख आगंतुक हिस्सा ले चुके हैं। यह आंकड़ा यह दिखाता है कि मेले को जनता का बहुत अच्छा समर्थन मिल रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मेले का दौरा किया और ग्रामीण उद्यमियों तथा खासकर महिलाओं की भूमिका की सराहना की। उन्होंने इस आयोजन को ग्रामीण आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण मंच बताया।
सरस मेले का उद्देश्य केवल व्यापार नहीं है, बल्कि ग्रामीण संस्कृति, लोककला और भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं को भी उजागर करना है। यहां पर कई सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम, लोक कला प्रस्तुतियां और प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं, जिससे युवा पीढ़ी को परंपराओं से जोड़ा जा सके।
सरस मेले के आयोजकों द्वारा आगंतुकों को अनधिकृत पार्किंग से सावधान रहने की चेतावनी भी जारी की गई है ताकि यातायात व्यवस्थाएँ सुचारू रूप से चल सकें।
कुल मिलाकर, बिहार का सरस मेला 2025 इस वर्ष ग्रामीण उद्यमिता, महिला सशक्तिकरण और भारत की सांस्कृतिक विविधता का एक बड़ा उत्सव बनकर उभरा है, जिसने व्यापार, संस्कृति और सामाजिक सहभागिता को एक साथ जोड़ा है।
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