VAITARINI RIVER
वैतरणी नदी
वैतरणी नदी भारत के पूर्वी भाग की एक प्रमुख नदी है, जो ओडिशा राज्य में बहती है। इसे ओडिशा की जीवनरेखा भी कहा जाता है, क्योंकि यह राज्य के कई जिलों के लिए जल, कृषि और आजीविका का मुख्य स्रोत है। वैतरणी नदी का उद्गम ओडिशा के क्योंझर (केओंझार) जिले की गोनासिका पहाड़ियों से होता है। यहीं पर एक छोटी धारा से निकलकर यह नदी धीरे-धीरे विशाल रूप धारण करती है।
वैतरणी नदी लगभग 360 किलोमीटर की दूरी तय करती हुई उत्तर से दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती है। अपने प्रवाह के दौरान यह क्योंझर, भद्रक और जाजपुर जैसे जिलों से होकर गुजरती है। अंत में यह नदी ब्राह्मणी नदी के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी का डेल्टा क्षेत्र अत्यंत उपजाऊ है, जहाँ धान, गन्ना और सब्जियों की भरपूर खेती की जाती है।
वैतरणी नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं में वैतरणी को पवित्र नदी माना गया है। पुराणों के अनुसार, वैतरणी नदी को पार करना मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण इसके तट पर अनेक मंदिर और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जहाँ श्रद्धालु पूजा-अर्चना और स्नान के लिए आते हैं।
आर्थिक दृष्टि से वैतरणी नदी का क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह नदी सिंचाई, मत्स्य पालन और स्थानीय परिवहन में सहायक है। हालाँकि, औद्योगीकरण और बढ़ते प्रदूषण के कारण वैतरणी नदी की स्वच्छता पर खतरा बढ़ रहा है। नदी संरक्षण और जल प्रबंधन के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। वैतरणी नदी न केवल प्राकृतिक संसाधन है, बल्कि ओडिशा की संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न अंग भी है।
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