DIFFERENT BETWEEN PILOT AND LOCO PILOT
पायलट (Pilot) और लोको पायलट (Loco Pilot) में अंतर
1. कार्य का माध्यम
पायलट विमान (हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर) उड़ाता है और यात्रियों या सामान को हवाई मार्ग से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है।
लोको पायलट रेल इंजन (ट्रेन) चलाता है और रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का सुरक्षित संचालन करता है।
2. कार्य क्षेत्र
पायलट का कार्य क्षेत्र आकाश (हवाई मार्ग) होता है।
लोको पायलट का कार्य क्षेत्र रेलवे ट्रैक और स्टेशन होते हैं।
3. प्रशिक्षण
पायलट बनने के लिए फ्लाइंग स्कूल में प्रशिक्षण लेना पड़ता है और DGCA से लाइसेंस प्राप्त करना होता है।
लोको पायलट बनने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा आयोजित परीक्षा (RRB) पास करनी होती है और रेलवे प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग दी जाती है।
4. शैक्षणिक योग्यता
पायलट के लिए सामान्यतः 12वीं (विज्ञान – गणित व भौतिकी) आवश्यक होती है।
लोको पायलट के लिए 10वीं/12वीं के साथ आईटीआई या डिप्लोमा होना जरूरी होता है।
5. जिम्मेदारियाँ
पायलट यात्रियों की सुरक्षा, मौसम की निगरानी और विमान संचालन का जिम्मेदार होता है।
लोको पायलट ट्रेन की गति, सिग्नल, ब्रेक और यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखता है।
6. कार्य समय
पायलट का कार्य समय उड़ान शेड्यूल पर निर्भर करता है।
लोको पायलट का कार्य समय शिफ्ट प्रणाली पर आधारित होता है।
7. वेतन
पायलट का वेतन सामान्यतः अधिक होता है।
लोको पायलट का वेतन सरकारी वेतनमान के अनुसार स्थिर होता है।
निष्कर्ष
पायलट और लोको पायलट दोनों ही जिम्मेदारीपूर्ण पेशे हैं। पायलट हवाई परिवहन से जुड़ा है, जबकि लोको पायलट रेल परिवहन से। दोनों का लक्ष्य यात्रियों की सुरक्षित और समय पर यात्रा सुनिश्चित करना है।
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