DIFFERENT BETWEEN TRAIN MANAGER AND STATION MANAGER
ट्रेन मैनेजर और स्टेशन मैनेजर में अंतर
भारतीय रेलवे में ट्रेन मैनेजर और स्टेशन मैनेजर दोनों ही महत्वपूर्ण पद हैं, लेकिन इनके कार्य, जिम्मेदारियाँ और कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं।
1. कार्य स्थान
ट्रेन मैनेजर चलती हुई ट्रेन के साथ रहता है और यात्रा के दौरान ट्रेन का प्रबंधन करता है।
स्टेशन मैनेजर रेलवे स्टेशन पर तैनात रहता है और पूरे स्टेशन का संचालन संभालता है।
2. मुख्य भूमिका
ट्रेन मैनेजर यात्रियों की सुविधा, टिकट जाँच, ट्रेन की समयबद्धता और ऑन-बोर्ड सेवाओं की निगरानी करता है।
स्टेशन मैनेजर स्टेशन पर ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान, प्लेटफॉर्म प्रबंधन और यात्री सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाता है।
3. यात्रियों से संपर्क
ट्रेन मैनेजर का सीधा संपर्क यात्रियों से ट्रेन के अंदर होता है।
स्टेशन मैनेजर का संपर्क स्टेशन परिसर में यात्रियों और स्टाफ से होता है।
4. जिम्मेदारियाँ
ट्रेन मैनेजर टिकट जाँच, शिकायत निवारण, आपात स्थिति में निर्णय और ट्रेन स्टाफ के समन्वय का काम करता है।
स्टेशन मैनेजर सिग्नल, पॉइंट्स, प्लेटफॉर्म, भीड़ नियंत्रण और स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था देखता है।
5. प्रशासनिक कार्य
ट्रेन मैनेजर ट्रेन से जुड़े रिपोर्ट, जुर्माना और यात्री विवरण तैयार करता है।
स्टेशन मैनेजर स्टेशन से जुड़े रिकॉर्ड, संचालन रिपोर्ट और स्टाफ ड्यूटी का प्रबंधन करता है।
6. कार्य समय
ट्रेन मैनेजर का कार्य समय ट्रेन की यात्रा अवधि पर निर्भर करता है।
स्टेशन मैनेजर का कार्य समय शिफ्ट प्रणाली के अनुसार होता है।
7. पद का स्तर
ट्रेन मैनेजर एक चलती ट्रेन का प्रभारी होता है।
स्टेशन मैनेजर पूरे रेलवे स्टेशन का प्रभारी होता है।
निष्कर्ष
ट्रेन मैनेजर और स्टेशन मैनेजर दोनों ही रेलवे के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक हैं। ट्रेन मैनेजर ट्रेन के अंदर व्यवस्था संभालता है, जबकि स्टेशन मैनेजर स्टेशन स्तर पर यातायात, सुरक्षा और प्रबंधन सुनिश्चित करता है।
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