HORTICULTURE

 उद्यानिकी (Horticulture)

उद्यानिकी कृषि विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जिसमें फल, सब्जियाँ, फूल, मसाले, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती, प्रसंस्करण और विपणन का अध्ययन किया जाता है। यह खेती का एक ऐसा क्षेत्र है जो कम भूमि में अधिक उत्पादन और अधिक आय देने की क्षमता रखता है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में उद्यानिकी का विशेष महत्व है।

उद्यानिकी के अंतर्गत आम, केला, सेब, अंगूर जैसे फल; टमाटर, आलू, प्याज, मिर्च जैसी सब्जियाँ; गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा जैसे फूल; तथा हल्दी, अदरक, इलायची जैसे मसाले शामिल हैं। इसके अलावा औषधीय पौधे जैसे तुलसी, अश्वगंधा और एलोवेरा भी उद्यानिकी का हिस्सा हैं। इन फसलों की खेती से किसानों को नकद आय प्राप्त होती है और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं।

उद्यानिकी में आधुनिक तकनीकों का व्यापक उपयोग किया जाता है। ड्रिप सिंचाई, पॉलीहाउस, मल्चिंग, हाई-डेंसिटी प्लांटेशन और टिशू कल्चर जैसी तकनीकें उत्पादन बढ़ाने में सहायक हैं। इन विधियों से पानी, खाद और समय की बचत होती है तथा फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। साथ ही, कटाई के बाद भंडारण, शीतगृह और प्रसंस्करण सुविधाओं से उपज का मूल्य बढ़ाया जा सकता है।

उद्यानिकी का पोषण और स्वास्थ्य से भी गहरा संबंध है। फल और सब्जियाँ विटामिन, खनिज और रेशा का प्रमुख स्रोत हैं, जो संतुलित आहार के लिए आवश्यक हैं। इसके विकास से न केवल किसानों की आय बढ़ती है, बल्कि देश की पोषण सुरक्षा भी सुदृढ़ होती है।

निष्कर्षतः, उद्यानिकी कृषि को लाभकारी, टिकाऊ और आधुनिक बनाने का एक सशक्त माध्यम है। यह ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन और निर्यात बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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