JAVED KHANANI
🧠 जावेद खानानी
जावेद खानानी पाकिस्तान के एक प्रसिद्ध करेंसी डीलर और हवाला‑पैसा लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के प्रमुख चेहरों में से एक थे। वे खानानी एंड कालिया इंटरनेशनल (KKI) नामक कंपनी के सह‑संस्थापक थे, जो विदेशी मुद्रा, हवाला और अंतरराष्ट्रीय पैसे ट्रांसफर का व्यवसाय करती थी। यह फ़र्म 1992 में स्थापित हुई थी और 2008 तक प्रमुख रूप से पाकिस्तान में काम करती रही।
KKI को बाद में पाकिस्तान एवं अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अधिकारियों ने पैसे लॉन्ड्रिंग, अवैध धन हस्तांतरण और террорист फंडिंग जैसे गंभीर आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया, जिससे यह मामला वैश्विक वित्तीय आपराधिक नेटवर्क में शामिल माना जाने लगा।
📉 अवैध धन चलाने का नेटवर्क
जावेद खानानी और उनके भाई अल्ताफ खानानी का हवाला नेटवर्क विश्व स्तर पर फैला हुआ था और इसे ISI सपोर्टेड “शैडो बैंकिंग” सिस्टम के रूप में भी देखा गया, जिसमें नकली नोट, डार्क फंड्स और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध से जुड़े आरोप शामिल थे।
इनकी कंपनी का इस्तेमाल मूल रूप से धन को बिना कागज़ों और बैंकिंग सिस्टम के पार भगाने के लिए किया जाता था, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा चिंता‑विषय बन गया।
🕵️♂️ कानूनी और नियामक प्रभाव
1990‑2000 के दशक में KKI की गतिविधियों ने कई देशों में पैसा लॉन्ड्रिंग विरोधी विभागों (AML) को सक्रिय किया। पाकिस्तान सरकार ने 2008 में KKI का लाइसेंस रद्द कर दिया और उनके खिलाफ FIA तथा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने कार्यवाही की। हालांकि 2011 में अदालत ने पर्याप्त सबूत नहीं पाए जाने के कारण कुछ अभियुक्तों को बरी कर दिया था।
🪦 मौत और विवाद
जावेद खानानी की 4 दिसंबर 2016 को कराची में एक निर्माणाधीन इमारत से गिरने के बाद मौत हो गई थी। पुलिस ने प्रारंभ में इसे आत्महत्या बताया, जबकि परिवार ने दुर्घटना का दावा किया था — दोनों ही स्थितियों को लेकर विवाद और अनिश्चितता आज भी बनी हुई है।
📌 निष्कर्ष
आज जब ‘धुरंधर’ जैसी फिल्मों और मीडिया रिपोर्टों में भ्रष्ट वित्तीय नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय अपराध की कहानियाँ उभर कर आती हैं, जावेद खानानी का नाम अक्सर इसी संदर्भ में आता है। उनका मामला यह दिखाता है कि कैसे अवैध धन और अनियमित वित्तीय नेटवर्क वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था तथा सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
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