VEDANTA LIMITED


🧱 1. डीमर्जर (Demerger) को NCLT से मंज़ूरी

वेदांता लिमिटेड ने National Company Law Tribunal (NCLT) से अपना डीमर्जर (भाजन/विभाजन) प्लान मंज़ूर करवा लिया है। इसके तहत कंपनी अपने कारोबार को पाँच स्वतंत्र, क्षेत्र-विशेषित कंपनियों में विभाजित करेगी। इसे अब नियामक और अन्य औपचारिकताओं के साथ मार्च 2026 तक पूरा करने की योजना है। इस मंज़ूरी से कंपनी के शेयरों पर सकारात्मक असर पड़ा है और शेयर नई ऊँचाइयों पर पहुँचे हैं।

📈 2. शेयर बाजार पर सकारात्मक प्रभाव

डीमर्जर की मंज़ूरी और बेहतर कॉर्पोरेट योजना के कारण शेयर मूल्य में उछाल आया है। कई ब्रोकरेज फर्मों ने वेदांता के शेयर को “Buy (खरीद)” रेटिंग दी है और टार्गेट प्राइस बढ़ाया है। इससे निवेशकों में उत्साह बढ़ा है।

💰 3. बड़े निवेश की योजना

वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने घोषणा की है कि कंपनी अगले 4-5 वर्षों में लगभग $20 बिलियन (करीब ₹1.66 लाख करोड़) का निवेश भारत में करेगी। यह निवेश कंपनी के विभिन्न व्यवसायों को मजबूत करेगा और नई उन्नत परियोजनाओं को गति देगा।

⛏️ 4. महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक में जीत

कंपनी ने क्रिटिकल मिनरल (Nickel, Chromium, PGE) ब्लॉक में सफल बोली लगाकर उसे हासिल किया है, जिससे शेयर की मांग और भी बेहतर हुई। यह कदम कंपनी की रणनीति के अंतर्गत नई ऊर्जा और संकट-मुक्त संसाधनों की ओर बढ़ने का संकेत है।

⚙️ 5. कॉर्पोरेट संरचना का पुनर्गठन

डीमर्जर के तहत वेदांता की मौजूदा मुख्य कंपनी से अलग पाँच अलग सूचीबद्ध कंपनियाँ बनेंगी, जैसे—

  • Vedanta Aluminium
  • Vedanta Power
  • Vedanta Oil & Gas
  • Vedanta Iron & Steel
  • और पुराना Vedanta Ltd बनेगा मुख्य बेस मेटल यूनिट के रूप में।
    इससे व्यापारिक फोकस और संचालन में पारदर्शिता आएगी।

📊 संक्षेप में

डीमर्जर को न्यायिक मंज़ूरी मिल गई है और काम शीघ्र पूरा होने वाला है।
शेयर बाजार में तेजी और सकारात्मक रुझान देखने को मिला है।
✅ कंपनी विशाल निवेश योजनाओं पर काम कर रही है।
क्रिटिकल मिनरल ब्लॉक जीतना कंपनी के भविष्य की रणनीति को मजबूती देता है।

अगर आप चाहें तो मैं वेदांता डीमर्जर की रूपरेखा और नए बने कंपनियों के बारे में विस्तार से भी समझा सकता हूँ।

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