POLY HOUSE
पॉलीहाउस (Poly House)
पॉलीहाउस आधुनिक कृषि की एक उन्नत तकनीक है, जिसे संरक्षित खेती (Protected Cultivation) भी कहा जाता है। इसमें फसलों को पारदर्शी पॉलीथीन शीट से ढकी संरचना के अंदर उगाया जाता है, जिससे तापमान, नमी, प्रकाश और हवा को नियंत्रित किया जा सकता है। भारत में बदलते मौसम और जलवायु असंतुलन के कारण पॉलीहाउस खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
पॉलीहाउस का ढांचा लोहे या बांस के फ्रेम से बनाया जाता है, जिस पर विशेष प्रकार की यूवी-स्टेबल पॉलीथीन शीट लगाई जाती है। यह शीट सूर्य के प्रकाश को अंदर आने देती है, लेकिन अत्यधिक गर्मी, ठंड, बारिश और कीटों से फसलों की रक्षा करती है। पॉलीहाउस के अंदर ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणालियाँ भी लगाई जाती हैं, जिससे पानी और उर्वरकों की बचत होती है।
पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली फसलों में टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, स्ट्रॉबेरी, फूल (गुलाब, जरबेरा, कार्नेशन) और नर्सरी पौधे प्रमुख हैं। नियंत्रित वातावरण के कारण इन फसलों की गुणवत्ता बेहतर होती है और उत्पादन भी अधिक मिलता है। साथ ही, फसल को सालभर उगाया जा सकता है, जिससे किसानों की आय में निरंतरता बनी रहती है।
पॉलीहाउस खेती के अनेक लाभ हैं। इससे मौसम पर निर्भरता कम होती है, कीटनाशकों का कम उपयोग होता है और निर्यात योग्य उच्च गुणवत्ता की उपज प्राप्त होती है। हालांकि इसकी स्थापना में प्रारंभिक लागत अधिक होती है और तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा पॉलीहाउस पर सब्सिडी और प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है।
निष्कर्षतः, पॉलीहाउस खेती आधुनिक, लाभकारी और टिकाऊ कृषि का एक प्रभावी साधन है, जो किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को व्यवसायिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा
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