FREE TRADE AGREEMENT --FTA
मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Deal) – 300 शब्द
मुक्त व्यापार समझौता, जिसे अंग्रेज़ी में फ्री ट्रेड डील या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) कहा जाता है, दो या दो से अधिक देशों के बीच किया गया ऐसा समझौता होता है, जिसके अंतर्गत व्यापार को सरल और सस्ता बनाने के लिए आयात-निर्यात पर लगने वाले शुल्क, कोटा और अन्य बाधाओं को कम या समाप्त किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देना है।
मुक्त व्यापार समझौते के अंतर्गत सदस्य देश आपसी सहमति से यह तय करते हैं कि किन उत्पादों पर सीमा शुल्क घटाया जाएगा या हटाया जाएगा। इससे उत्पादों की कीमतें कम होती हैं और उपभोक्ताओं को सस्ते तथा गुणवत्तापूर्ण सामान उपलब्ध होते हैं। साथ ही, निर्यात बढ़ने से उद्योगों को नए बाज़ार मिलते हैं, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं।
भारत ने कई देशों और समूहों के साथ मुक्त व्यापार समझौते किए हैं, जैसे—आसियान (ASEAN), जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात। इन समझौतों से भारतीय वस्त्र, दवाइयों, कृषि उत्पादों और आईटी सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बेहतर पहुंच मिली है। हालांकि, कुछ मामलों में सस्ते आयात के कारण घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पड़ता है।
मुक्त व्यापार समझौते के लाभों में आर्थिक वृद्धि, विदेशी निवेश में वृद्धि, तकनीक का आदान-प्रदान और व्यापारिक संबंधों की मजबूती शामिल है। वहीं, इसके नुकसान के रूप में छोटे उद्योगों पर दबाव, व्यापार असंतुलन और आयात पर अत्यधिक निर्भरता जैसी चुनौतियां सामने आती हैं।
कुल मिलाकर, मुक्त व्यापार समझौता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यदि इसे संतुलित और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर लागू किया जाए, तो यह किसी भी देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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