PATNA BOOK FAIR
पटना का 41वां पुस्तक मेला इस साल 5 दिसंबर से 16 दिसंबर 2025 तक गांधी मैदान, पटना में आयोजित किया जा रहा है। यह साहित्यिक आयोजन Centre for Readership Development (CRD) द्वारा हर साल की तरह बड़े उत्साह से आयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेले का औपचारिक शुभारंभ किया और कहा कि यह कार्यक्रम पाठकों, लेखकों और विद्वानों को एक मंच पर लाता है। मेले में 200 से अधिक स्टॉल और पुस्तक प्रकाशन कंपनियाँ शामिल हैं, जहाँ विभिन्न विषयों पर पुस्तकें उपलब्ध हैं।
पहले ही सप्ताहांत में ही मेले ने लाखों पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित किया। पहले ही सप्ताह के अंत तक मौके पर 1 लाख से अधिक आगंतुक पहुँचे, जिससे मेले का उत्साह और बढ़ गया।
इस साल मेला कई विशेष आकर्षणों के लिए भी सुर्खियों में है। मेले में एक बहुत ही महंगी किताब, जिसका नाम “मैं रत्नेश्वर” बताया जा रहा है और जिसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है, को एक प्रमुख आकर्षण के रूप में प्रदर्शित किया गया है। यह किताब लोगों की खास दिलचस्पी का केन्द्र बनी हुई है।
पुस्तक मेला सिर्फ किताबों की बिक्री तक सीमित नहीं है। यहाँ कहानियाँ, किस्सागोई सत्र, स्वास्थ्य संवाद, कवि सम्मेलन और अन्य साहित्यिक गतिविधियाँ भी चल रही हैं, जिससे युवा पाठकों से लेकर बुज़ुर्ग साहित्य प्रेमियों तक सबका ध्यान आकर्षित हो रहा है।
हाल ही में मेले में विभिन्न किताबों का विमोचन भी हुआ, जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा समेत कई साहित्यकार शामिल रहे। उन्हें अपने नए ग्रंथ “गार्दा उड गैले” जैसे कार्यों को साझा करते देखा गया।
कुल मिलाकर, पटना पुस्तक मेला 2025 इस बार भी साहित्य, संस्कृति और शिक्षा का एक शानदार उत्सव बना हुआ है, जहाँ न केवल किताबें बिक रही हैं बल्कि विचारों और रचनात्मकता का भी आदान-प्रदान हो रहा है।
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