GINGER

 अदरक (Ginger) – परिचय, उपयोग और लाभ

अदरक एक महत्वपूर्ण मसाला और औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग भारत सहित पूरी दुनिया में प्राचीन काल से होता आ रहा है। इसका वानस्पतिक नाम जिंजीबर ऑफिसिनेल (Zingiber officinale) है। अदरक की खेती मुख्य रूप से इसके भूमिगत तने यानी राइजोम के लिए की जाती है, जिसे हम रोज़मर्रा की भाषा में अदरक कहते हैं। भारत अदरक के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है।

भारतीय रसोई में अदरक का विशेष स्थान है। इसका उपयोग सब्ज़ी, दाल, चटनी, अचार, सूप और चाय में स्वाद व खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है। अदरक न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि पाचन को भी बेहतर करता है। सर्दी-जुकाम में अदरक की चाय या काढ़ा बहुत लाभकारी माना जाता है।

औषधीय दृष्टि से अदरक के अनेक लाभ हैं। इसमें जिंजरॉल (Gingerol) नामक तत्व पाया जाता है, जो सूजन कम करने और दर्द से राहत देने में सहायक होता है। अदरक मतली, उल्टी और पेट दर्द में प्रभावी माना जाता है। आयुर्वेद में अदरक को अग्नि दीपक कहा गया है, यानी यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और गैस व अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है।

अदरक का उपयोग घरेलू नुस्खों में भी खूब किया जाता है। शहद के साथ अदरक का रस गले की खराश में लाभ देता है। इसके अलावा, अदरक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। आधुनिक शोधों में भी इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों की पुष्टि हुई है।

कुल मिलाकर, अदरक स्वाद, स्वास्थ्य और औषधीय गुणों का अनोखा संगम है। यही कारण है कि यह हर भारतीय रसोई और घरेलू उपचारों का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है।

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