AYODHYA


अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्राचीन और पवित्र नगर है। यह नगर सरयू नदी के तट पर स्थित है और हिन्दू धर्म के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। अयोध्या को भगवान श्री राम की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है, जिनका जीवन और कार्य रामायण महाकाव्य में विस्तार से वर्णित है। इस कारणवश, अयोध्या को 'राम जन्मभूमि' भी कहा जाता है।

अयोध्या का उल्लेख अनेक प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि रामायण, पुराण और महाभारत। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, अयोध्या को 'सप्त पुरियों' (सात मोक्षदायिनी नगरों) में से एक माना गया है। यह नगर कोशल राज्य की राजधानी थी, जहाँ राजा दशरथ का शासन था और यहीं भगवान राम का जन्म हुआ था।

धार्मिक दृष्टि से अयोध्या केवल हिन्दुओं के लिए ही नहीं, बल्कि जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी पवित्र स्थल है। कहा जाता है कि कई जैन तीर्थंकरों का जन्म भी अयोध्या में हुआ था। बौद्ध धर्म से जुड़ी कुछ मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध ने भी अयोध्या की यात्रा की थी।

वर्तमान में अयोध्या एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जहाँ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, दशरथ महल, और सरयू घाट जैसे स्थलों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। 2024 में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भव्य निर्माण कार्य संपन्न हुआ, जिससे अयोध्या का गौरव और भी बढ़ गया है।

अयोध्या न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का प्रतीक भी है। यहाँ हर वर्ष राम नवमी और दीपोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। दीपोत्सव के दौरान अयोध्या लाखों दीपों की रोशनी से जगमगा उठती है, जो विश्व रिकॉर्ड भी बना चुकी है।

आज अयोध्या का विकास एक आधुनिक धार्मिक नगरी के रूप में हो रहा है, जिसमें पर्यटन, सड़कें, रेलवे और हवाई सेवा का भी विस्तार हो रहा है। यह नगर आस्था, श्रद्धा और संस्कृति का संगम है, जो पूरे भारत को जोड़ता है।

निष्कर्षतः, अयोध्या केवल एक नगर नहीं, बल्कि यह भारतीय जनमानस की आत्मा है। यह नगर हमें धर्म, मर्यादा, त्याग और आदर्श जीवन की प्रेरणा देता है। भगवान राम की जन्मभूमि होने के कारण अयोध्या की महत्ता अनंत है और यह सदा-सदा के लिए श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बनी रहेगी।

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