GIRNAR MOUNTAIN

 

गिरनार पर्वत 

गिरनार पर्वत भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में स्थित एक ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थल है। यह पर्वत शृंखला अरावली पर्वतमाला का हिस्सा मानी जाती है और इसकी ऊँचाई लगभग 3,300 फीट (1,000 मीटर) है। गिरनार पर्वत धार्मिक दृष्टिकोण से हिंदू और जैन दोनों धर्मों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है।

गिरनार पर्वत पर पहुँचने के लिए लगभग 10,000 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यह यात्रा कठिन अवश्य है, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए यह तपस्या के समान मानी जाती है। इस पर्वत की गोद में कई प्राचीन मंदिर, आश्रम और तपस्थल स्थित हैं जो इसकी आध्यात्मिक महत्ता को और भी बढ़ाते हैं।

हिंदू धर्म में गिरनार को भगवान दत्तात्रेय और गुरु गोरखनाथ से जोड़ा जाता है। पर्वत की चोटी पर स्थित दत्तात्रेय मंदिर में हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहाँ भगवान दत्तात्रेय ने तपस्या की थी। इसके अलावा अम्बा माता का मंदिर भी यहाँ स्थित है, जो विशेष रूप से नवदुर्गा पर्व पर भक्तों से भर जाता है।

जैन धर्म के अनुयायियों के लिए गिरनार पर्वत एक मोक्षभूमि है। यहाँ भगवान नेमिनाथ (22वें तीर्थंकर) को समर्पित एक विशाल जैन मंदिर है, जहाँ माना जाता है कि उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया था। पर्वत पर अन्य तीर्थंकरों के भी मंदिर हैं, जो जैन वास्तुकला और आस्था का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

गिरनार का प्राकृतिक सौंदर्य भी अत्यंत मनोहारी है। पर्वत हरियाली से आच्छादित है और यहाँ कई प्रकार की वनस्पतियाँ, पशु-पक्षी और जलधाराएँ मिलती हैं। मानसून के मौसम में यह क्षेत्र और भी अधिक सुंदर और हराभरा हो जाता है।

संक्षेप में, गिरनार पर्वत न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह प्रकृति, इतिहास और संस्कृति का भी अद्वितीय संगम है। यहाँ आकर व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है, बल्कि यह स्थान साहस, श्रद्धा और आत्मशुद्धि की प्रेरणा भी प्रदान करता है।

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