DIFFERENT SECTS OF CHRISTIANITY



ईसाइयों के प्रकार

ईसाई धर्म विश्व का सबसे बड़ा धर्म है, जो यीशु मसीह के उपदेशों पर आधारित है। समय के साथ ईसाई धर्म में विभिन्न मत और परंपराएँ विकसित हुईं, जिनके आधार पर ईसाइयों को मुख्यतः कई प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है। मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. कैथोलिक ईसाई (Catholic Christians)

कैथोलिक ईसाई सबसे बड़ा समूह है। ये वेटिकन सिटी स्थित पोप के आधीन होते हैं। कैथोलिक चर्च परंपरा, संस्कारों (सैक्रामेंट्स), और पोप के आधिकारिक मार्गदर्शन पर विशेष बल देता है।
कैथोलिक चर्च की मुख्य पहचान उसकी परंपरागत पूजा-पद्धति, संतों (Saints) की विशेष श्रद्धा और सात मुख्य संस्कारों (बपतिस्मा, परमप्रसाद आदि) में विश्वास है।

2. प्रोटेस्टेंट ईसाई (Protestant Christians)

प्रोटेस्टेंट आंदोलन की शुरुआत 16वीं सदी में मार्टिन लूथर के नेतृत्व में हुई थी। उन्होंने चर्च के कुछ सिद्धांतों और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध किया था।
प्रोटेस्टेंट चर्चों में बाइबिल को सर्वोच्च अधिकार माना जाता है और 'विश्वास द्वारा उद्धार' (Salvation by Faith) पर ज़ोर दिया जाता है। इनमें कई उप-वर्ग हैं जैसे बैपटिस्ट, मेथोडिस्ट, लूथरन, प्रिस्बिटेरियन आदि।

3. ऑर्थोडॉक्स ईसाई (Orthodox Christians)

ऑर्थोडॉक्स ईसाई पूर्वी यूरोप, रूस, ग्रीस आदि क्षेत्रों में अधिक संख्या में हैं।
1054 ईस्वी में रोमन कैथोलिक चर्च और ऑर्थोडॉक्स चर्च के बीच 'महाभेद' (Great Schism) हुआ, जिसके बाद दोनों अलग हो गए।
ऑर्थोडॉक्स चर्च में प्राचीन परंपराओं, सुंदर आइकन चित्रों, और विस्तृत पूजा विधियों को विशेष महत्व दिया जाता है। प्रमुख शाखाएँ हैं — ग्रीक ऑर्थोडॉक्स और रूसी ऑर्थोडॉक्स।

4. एंग्लिकन ईसाई (Anglican Christians)

एंग्लिकन चर्च की उत्पत्ति इंग्लैंड से हुई। इसे चर्च ऑफ इंग्लैंड (Church of England) भी कहा जाता है।
यह कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट परंपराओं का मिश्रण है। एंग्लिकन चर्च में पोप का अधिकार नहीं माना जाता, परन्तु उनकी पूजा शैली कैथोलिक चर्च से मिलती-जुलती होती है।

5. ईस्टर्न कैथोलिक चर्च (Eastern Catholic Churches)

ये चर्च पूरब की परंपराओं का पालन करते हैं, लेकिन पोप के आधिपत्य को स्वीकारते हैं। उनकी पूजा विधियाँ ऑर्थोडॉक्स चर्च से मिलती हैं, पर वे कैथोलिक धर्म से जुड़े हैं।

6. नॉन-डिनोमिनेशनल ईसाई (Non-denominational Christians)

ये ईसाई किसी एक विशेष परंपरा या चर्च संगठन से जुड़े नहीं होते। ये सीधे बाइबिल के अनुसार अपना विश्वास और जीवन-शैली अपनाते हैं। आज के समय में ऐसे स्वतंत्र चर्च तेजी से बढ़ रहे हैं।


निष्कर्षतः,
ईसाई धर्म के विभिन्न प्रकार उनके इतिहास, परंपराओं और विश्वासों की विविधता को दर्शाते हैं। हालाँकि उनके बीच कई मतभेद हैं, फिर भी यीशु मसीह के प्रति श्रद्धा और प्रेम सभी में समान रूप से मौजूद है।



Comments

Popular posts from this blog

MAHUA BAGH GHAZIPUR