POPE OF VETICAN
वेटिकन के पोप
वेटिकन सिटी, जो विश्व का सबसे छोटा स्वतंत्र राष्ट्र है, रोमन कैथोलिक चर्च का मुख्यालय है। वेटिकन के प्रमुख और रोमन कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु को "पोप" कहा जाता है। पोप को “ईश्वर के प्रतिनिधि” (Vicar of Christ) और "संत पेत्रुस का उत्तराधिकारी" माना जाता है। कैथोलिक विश्वास के अनुसार, यीशु मसीह ने प्रेरित संत पेत्रुस को चर्च का पहला नेता नियुक्त किया था, और पोप को उसी परंपरा का उत्तराधिकारी माना जाता है।
पोप का कार्य न केवल धार्मिक है, बल्कि वह नैतिक और सामाजिक मुद्दों पर भी मार्गदर्शन करते हैं। वे पूरी दुनिया के कैथोलिक समुदाय का नेतृत्व करते हैं और चर्च के सिद्धांतों और नियमों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, पोप वैश्विक शांति, न्याय, गरीबों की मदद, और मानव अधिकारों की रक्षा के लिए भी कार्य करते हैं।
वेटिकन के पोप का चुनाव एक विशेष सभा के माध्यम से होता है, जिसे "कॉन्क्लेव" (Conclave) कहा जाता है। यह सभा वेटिकन में सिस्टीन चैपल में आयोजित होती है, और इसमें दुनिया भर के कार्डिनल्स भाग लेते हैं। जब एक नया पोप चुना जाता है, तो वेटिकन के सेंट पीटर स्क्वायर में एक सफेद धुआं निकलता है, जो इस बात का संकेत होता है कि नया पोप चुन लिया गया है।
वर्तमान में (2025 तक), पोप फ्रांसिस वेटिकन के पोप हैं। वे 2013 में पोप चुने गए थे और इतिहास में पहले लैटिन अमेरिकी और पहले येसुएट (Jesuit) पोप हैं। उनका मूल नाम जोर्ज मारियो बर्गोलियो (Jorge Mario Bergoglio) है और वे अर्जेंटीना से हैं। पोप फ्रांसिस ने चर्च को अधिक सरल, करुणामय और गरीबों के प्रति संवेदनशील बनाने पर बल दिया है। वे सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और आप्रवासियों के अधिकारों के प्रबल समर्थक हैं।
पोप का मुख्य निवास वेटिकन सिटी में स्थित अपोस्टोलिक पैलेस (Apostolic Palace) है। वे सेंट पीटर बेसिलिका के भीतर कई धार्मिक अनुष्ठानों का नेतृत्व करते हैं, जो विश्व के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण गिरजाघरों में से एक है। इसके अलावा, वे हर रविवार को “एंजेलस प्रार्थना” (Angelus Prayer) के दौरान जनता को आशीर्वाद देते हैं और विशेष अवसरों पर वैश्विक संदेश भी देते हैं, जैसे क्रिसमस और ईस्टर के अवसर पर “उर्बी एट ऑर्बी” (Urbi et Orbi) आशीर्वाद।
इतिहास में कई प्रसिद्ध पोप हुए हैं, जैसे पोप जॉन पॉल द्वितीय, जिन्होंने 1978 से 2005 तक लंबी सेवा दी और शीत युद्ध के दौरान स्वतंत्रता एवं मानवाधिकारों के लिए प्रभावशाली भूमिका निभाई। वहीं, पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने 2013 में स्वास्थ्य कारणों से पोप पद से इस्तीफा दिया था, जो इतिहास में एक दुर्लभ घटना है।
समापन में, वेटिकन के पोप न केवल धार्मिक नेता हैं, बल्कि पूरी मानवता के लिए नैतिकता, शांति और भाईचारे का संदेश देने वाले वैश्विक व्यक्तित्व भी हैं। उनका कार्य और नेतृत्व आज भी करोड़ों लोगों को एकजुट करने और प्रेरित करने का कार्य कर रहा है।
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