JAINISM IN INDIA
जैन धर्म भारत के प्राचीनतम धर्मों में से एक है। यह धर्म अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह (संपत्ति का त्याग) जैसे सिद्धांतों पर आधारित है। जैन धर्म के अनुयायी भगवान महावीर स्वामी को अंतिम तीर्थंकर मानते हैं। उनसे पहले 23 तीर्थंकर हुए, जिनमें पहले तीर्थंकर ऋषभनाथ थे।
जैन धर्म का उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति है। जैन धर्म मानता है कि हर जीव में आत्मा है और वह सुख-दुख को महसूस कर सकती है। इसलिए सभी जीवों के प्रति करुणा और दया रखना बहुत जरूरी है।
भगवान महावीर का जीवन
भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में कुंडलग्राम (वैशाली, बिहार) में हुआ था। उनका असली नाम वर्धमान था। 30 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया और सत्य की खोज में निकल पड़े। उन्होंने 12 साल तक कठोर तपस्या की और फिर केवलज्ञान (सर्वज्ञान) प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने लोगों को सत्य, अहिंसा और आत्म-ज्ञान का उपदेश दिया।
जैन धर्म के दो संप्रदाय
जैन धर्म के दो मुख्य संप्रदाय हैं:
- श्वेतांबर – ये सफेद वस्त्र पहनते हैं और कुछ साधु मूर्ति पूजा करते हैं।
- दिगंबर – ये वस्त्र नहीं पहनते और कड़ी तपस्या करते हैं। दिगंबर साध्वी नहीं होतीं।
जैन धर्म के प्रमुख सिद्धांत
- अहिंसा (हिंसा न करना) – किसी भी जीव को कष्ट नहीं देना।
- सत्य – सच्चाई बोलना और झूठ से बचना।
- अस्तेय – बिना अनुमति के किसी वस्तु को न लेना।
- ब्रह्मचर्य – इंद्रियों पर नियंत्रण रखना।
- अपरिग्रह – आवश्यकता से अधिक वस्तुएँ न रखना।
जैन धर्म के मंदिर और तीर्थ
भारत में कई प्रसिद्ध जैन मंदिर और तीर्थस्थान हैं:
- पावापुरी (बिहार) – जहाँ महावीर स्वामी को मोक्ष मिला।
- श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) – यहाँ गोमतेश्वर (बाहुबली) की विशाल मूर्ति है।
- माउंट आबू (राजस्थान) – यहाँ दिलवाड़ा के सुंदर जैन मंदिर हैं।
- शिखरजी (झारखंड) – कई तीर्थंकरों को यहाँ मोक्ष प्राप्त हुआ।
भारत में जैन धर्म का योगदान
जैन धर्म ने भारतीय संस्कृति, कला, वास्तुकला और शिक्षा को बहुत योगदान दिया है। अहिंसा का सिद्धांत महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भी अपनाया। जैन विद्वानों ने संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश में अनेक ग्रंथों की रचना की है।
निष्कर्ष
जैन धर्म हमें सिखाता है कि सच्चा सुख बाहर की चीजों में नहीं, बल्कि आत्मा की शांति में है। यह धर्म जीवन में संयम, दया और सत्य की राह दिखाता है। भारत में जैन धर्म आज भी एक शांतिपूर्ण और प्रेरणादायक धर्म के रूप में मौजूद है।
जैन धर्म – अहिंसा और आत्मज्ञान का पथ।
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