LORD HANUMAN


परिचय:
भगवान हनुमान हिन्दू धर्म के सबसे पूजनीय और लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। उन्हें श्रीराम के परम भक्त, अजर-अमर, बजरंगबली, महावीर, और पवनपुत्र जैसे कई नामों से जाना जाता है। वे शक्ति, भक्ति, ज्ञान और विनम्रता के प्रतीक हैं। उनका चरित्र विशेष रूप से रामायण और महाभारत दोनों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।

जन्म और परिवार:
हनुमान जी का जन्म वानर राज केसरी और माता अंजना के घर हुआ था। उनके पिता केसरी वानरों के राजा थे और माता अंजना एक अप्सरा थीं, जो शापवश पृथ्वी पर जन्मी थीं। हनुमान जी को पवनदेव का पुत्र भी कहा जाता है क्योंकि उनके जन्म में पवनदेव का विशेष योगदान था, इसीलिए उन्हें पवनपुत्र कहा जाता है।

बाल्यकाल की घटनाएं:
हनुमान जी का बाल्यकाल अत्यंत रोचक और अद्भुत घटनाओं से भरा था। एक बार उन्होंने सूरज को फल समझकर निगल लिया था, जिससे सम्पूर्ण संसार में अंधकार छा गया था। यह देखकर देवताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा और तब इंद्र ने वज्र से प्रहार किया, जिससे हनुमान बेहोश हो गए। तब पवनदेव ने क्रोधित होकर वायुप्रवाह रोक दिया। अंततः ब्रह्मा, इंद्र, वरुण, कुबेर और अन्य देवताओं ने हनुमान को अनेक वरदान दिए, जिससे वे अमर और अपराजेय बन गए।

रामभक्ति और प्रमुख कार्य:
हनुमान जी श्रीराम के अनन्य भक्त थे। वे रामायण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब माता सीता का रावण द्वारा हरण किया गया, तब हनुमान जी ने लंका जाकर माता सीता को श्रीराम का संदेश दिया। उन्होंने अशोक वाटिका में रावण की सेना से अकेले युद्ध किया और लंका दहन किया।

राम-रावण युद्ध में हनुमान जी ने लक्ष्मण के जीवन की रक्षा के लिए संजीवनी बूटी लेकर आए। उनके अद्वितीय पराक्रम, बुद्धि और भक्ति ने श्रीराम को अत्यंत प्रसन्न किया। श्रीराम ने उन्हें चिरंजीवी (अजर-अमर) होने का वरदान दिया और कहा कि जब तक रामकथा इस पृथ्वी पर रहेगी, हनुमान की पूजा होती रहेगी।

गुण और आदर्श:
हनुमान जी बल, बुद्धि, विद्या, विनम्रता, निष्ठा और सेवा के प्रतीक हैं। उन्होंने कभी भी अपने बल का घमंड नहीं किया और सदैव श्रीराम की सेवा में लगे रहे। वे कहते हैं:
"राम काज कीन्हें बिनु, मोहि कहाँ विश्राम।"

उनकी भक्ति, सेवा और निष्ठा उन्हें सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा बनाती है।

निष्कर्ष:
भगवान हनुमान का जीवन एक आदर्श भक्त, सेवक और योद्धा का उदाहरण है। उनकी भक्ति, शक्ति और चरित्र आज भी लोगों को प्रेरित करता है। हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से उनकी पूजा होती है। वे कलियुग के जाग्रत देवता हैं और कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से उनका स्मरण करता है, उसकी सभी बाधाएं दूर होती हैं।

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