AGMARK

 एगमार्क (AGMARK) 

एगमार्क (AGMARK) भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक आधिकारिक गुणवत्ता प्रमाणन चिह्न है, जिसका उपयोग कृषि एवं खाद्य उत्पादों की शुद्धता और मानक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। “AGMARK” शब्द “Agricultural Marketing” से बना है। इसकी शुरुआत वर्ष 1937 में “कृषि उत्पाद (ग्रेडिंग एवं मार्किंग) अधिनियम, 1937” के अंतर्गत की गई थी। वर्तमान में इसका संचालन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन “विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (DMI)” द्वारा किया जाता है।

एगमार्क का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को मिलावट-रहित, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद उपलब्ध कराना है। आज के समय में खाद्य पदार्थों में मिलावट एक गंभीर समस्या है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। एगमार्क चिह्न यह विश्वास दिलाता है कि संबंधित उत्पाद सरकारी मानकों के अनुसार जांचा-परखा गया है और वह निर्धारित गुणवत्ता पर खरा उतरता है।

एगमार्क प्रमाणन के अंतर्गत गेहूं, चावल, दालें, खाद्य तेल, घी, मसाले, शहद, फल-सब्ज़ियाँ आदि अनेक कृषि उत्पाद शामिल हैं। किसी भी उत्पाद को एगमार्क चिह्न देने से पहले उसकी प्रयोगशाला में जांच की जाती है, जिसमें उसकी शुद्धता, नमी, पोषक तत्व, रंग, स्वाद और सुरक्षा मानकों का परीक्षण होता है। गुणवत्ता के आधार पर उत्पादों को विभिन्न ग्रेड में विभाजित किया जाता है।

एगमार्क न केवल उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता है, बल्कि किसानों और उत्पादकों को भी लाभ पहुंचाता है। गुणवत्ता प्रमाणन मिलने से उनके उत्पादों की बाजार में विश्वसनीयता और मांग बढ़ती है। इसके अलावा, यह ईमानदार व्यापार को प्रोत्साहित करता है और बाजार में पारदर्शिता लाता है।

इस प्रकार एगमार्क भारतीय कृषि विपणन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उपभोक्ता सुरक्षा, खाद्य गुणवत्ता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।

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