SURYA TEMPLE MAHOBA
सूर्य मंदिर, महोबा बुंदेलखंड क्षेत्र का एक प्राचीन और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है, जो उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में स्थित है। यह मंदिर चंदेल वंश के शासनकाल में निर्मित माना जाता है और अपनी अद्वितीय स्थापत्य कला तथा धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। सूर्य उपासना को समर्पित यह मंदिर भारतीय प्राचीन संस्कृति और आस्था का प्रतीक है।
सूर्य मंदिर का निर्माण लगभग 9वीं–10वीं शताब्दी में चंदेल शासकों द्वारा कराया गया था। चंदेल शासक कला, स्थापत्य और धर्म के बड़े संरक्षक थे। इस मंदिर का निर्माण सूर्य देव को प्रसन्न करने और राज्य की समृद्धि व कल्याण की कामना के उद्देश्य से किया गया। प्राचीन काल में सूर्य पूजा का विशेष महत्व था और यह मंदिर उसी परंपरा का सजीव उदाहरण है।
मंदिर की वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है। यह मंदिर पत्थरों से निर्मित है और इसकी दीवारों पर सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है। मंदिर के गर्भगृह में सूर्य देव की प्रतिमा स्थापित थी, हालाँकि समय के साथ वह क्षतिग्रस्त हो गई। मंदिर की संरचना इस प्रकार बनाई गई है कि प्रातःकालीन सूर्य किरणें सीधे गर्भगृह में प्रवेश करती थीं, जो सूर्य उपासना की वैज्ञानिक और धार्मिक सोच को दर्शाता है।
धार्मिक दृष्टि से सूर्य मंदिर का विशेष महत्व है। यहाँ विशेष रूप से मकर संक्रांति, छठ पर्व और रविवार के दिन श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। स्थानीय लोगों की गहरी आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। मान्यता है कि यहाँ सूर्य देव की पूजा करने से रोगों से मुक्ति और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
आज सूर्य मंदिर, महोबा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर है। यह न केवल श्रद्धालुओं बल्कि इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। यह मंदिर बुंदेलखंड की गौरवशाली विरासत और प्राचीन सूर्य उपासना परंपरा का प्रतीक है।
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