WATERMAN RAJENDRA SINGH

 वाटरमैन राजेंद्र सिंह 

राजेंद्र सिंह, जिन्हें “वाटरमैन ऑफ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है, भारत के प्रमुख जल संरक्षण कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् हैं। उनका जन्म 6 अगस्त 1959 को राजस्थान के अलवर जिले में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन को पानी और जल संरक्षण के क्षेत्र में समर्पित कर दिया और सूखे तथा जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों में स्थायी जल समाधानों की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए।

राजेंद्र सिंह ने विशेष रूप से राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य जिलों में पारंपरिक जल संचयन पद्धतियों को पुनर्जीवित किया। उन्होंने गाँवों में बांध, तालाब, नालियाँ और चश्मों का जीर्णोद्धार कर, भूजल स्तर बढ़ाने और सिंचाई की समस्या को हल करने में मदद की। उनकी इस पहल से हजारों गाँवों में पानी की समस्या कम हुई और खेती योग्य भूमि का विस्तार हुआ।

उनकी संगठन, सहज ईको-फ्रेंडली सोसाइटी, ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रबंधन और स्वच्छता के लिए कई परियोजनाएँ चलायीं। राजेंद्र सिंह की रणनीति में स्थानीय समुदाय को शामिल करना प्रमुख था, ताकि जल संरक्षण का कार्य स्थायी और प्रभावशाली हो सके। उनके प्रयासों से लोगों में पानी की महत्ता और संरक्षण के प्रति जागरूकता आई।

राजेंद्र सिंह को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 2001 में उन्हें रामोन मैगसेसे पुरस्कार मिला, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने के लिए दिया गया। इसके अलावा उन्हें राष्ट्रीय जल पुरस्कार और ग्रिन क्रॉस इंटरनेशनल अवार्ड जैसे सम्मान भी मिल चुके हैं।

आज राजेंद्र सिंह का योगदान केवल भारत तक सीमित नहीं है। उनका मॉडल विश्व के अन्य देशों में भी जल संरक्षण के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। उनके कार्य ने यह दिखाया कि समाज में सामूहिक प्रयास और पारंपरिक ज्ञान के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण संभव है।

राजेंद्र सिंह का जीवन जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक है। उनका उद्देश्य हमेशा यही रहा कि हर गाँव में पानी की किल्लत न हो और भविष्य की पीढ़ियाँ पानी की सुरक्षा के महत्व को 

Comments

Popular posts from this blog

GUJARATI ALPHABETS AND SYMBOLS

MAHUA BAGH GHAZIPUR