Mushroom patropada

 मशरूम पत्रपोडा (Mushroom Patropada) 

मशरूम पत्रपोडा ओडिशा का एक पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन है, जो विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में लोकप्रिय है। “पत्रपोडा” शब्द का अर्थ होता है—पत्तों में लपेटकर आग या कोयले पर पकाया गया भोजन। इस विधि में भोजन को साल, केला या हल्दी के पत्तों में लपेटकर धीमी आंच पर भुना जाता है, जिससे उसका प्राकृतिक स्वाद और सुगंध बनी रहती है। मशरूम पत्रपोडा इसी पारंपरिक पाक शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

इस व्यंजन को बनाने के लिए ताजे मशरूम का उपयोग किया जाता है, जिन्हें अच्छी तरह साफ करके छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है। इसके बाद इसमें सरसों का पेस्ट, लहसुन, हरी मिर्च, नमक, हल्दी और कभी-कभी प्याज मिलाया जाता है। ओडिशा में सरसों का प्रयोग अधिक होता है, जो इस व्यंजन को विशिष्ट तीखापन और सुगंध प्रदान करता है। तैयार मसाले में मशरूम को अच्छी तरह मिलाकर पत्तों पर रखा जाता है और फिर पत्तों को मोड़कर धागे से बांध दिया जाता है।

इसके बाद इन बंधे हुए पत्तों को अंगारों या तवे पर रखा जाता है। धीमी आंच पर पकने से मशरूम अपने रस में ही पकता है और पत्तों की खुशबू उसमें समा जाती है। जब पत्ते ऊपर से जलने लगते हैं, तब समझा जाता है कि अंदर का मशरूम पूरी तरह पक चुका है। पत्ते खोलते ही एक अनोखी खुशबू निकलती है, जो भूख को और बढ़ा देती है।

मशरूम पत्रपोडा न केवल स्वाद में उत्कृष्ट होता है, बल्कि पोषण की दृष्टि से भी लाभकारी है। मशरूम प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत है। यह व्यंजन आमतौर पर चावल या मंडिया भात के साथ परोसा जाता है। ओडिशा की पारंपरिक भोजन संस्कृति में मशरूम पत्रपोडा सरलता, स्वास्थ्य और स्वाद का सुंदर संगम प्रस्तुत करता है।

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