CHARAN GANGA RIVER

 चरण गंगा नदी

चरण गंगा नदी भारत की एक पौराणिक और धार्मिक महत्व की नदी मानी जाती है। यह नदी विशेष रूप से मध्य भारत के बुंदेलखंड क्षेत्र से जुड़ी हुई है और स्थानीय जनजीवन, आस्था तथा संस्कृति में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। “चरण गंगा” नाम का संबंध भगवान विष्णु के चरणों से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि यह नदी विष्णु के चरणों से प्रकट हुई, इसलिए इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।

चरण गंगा नदी का उद्गम विंध्याचल पर्वत श्रृंखला के आसपास माना जाता है। यह नदी अपने मार्ग में अनेक छोटे गाँवों और कृषि क्षेत्रों को जीवन प्रदान करती है। वर्षा ऋतु में इसका जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे आसपास की भूमि उपजाऊ बनती है। किसान इस नदी के जल पर निर्भर रहते हैं और सिंचाई के लिए इसका उपयोग करते हैं।

धार्मिक दृष्टि से चरण गंगा का विशेष महत्व है। नदी के किनारे कई छोटे-बड़े मंदिर और तीर्थ स्थल स्थित हैं, जहाँ श्रद्धालु स्नान, पूजा और दान-पुण्य करते हैं। माना जाता है कि चरण गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा, मकर संक्रांति और अन्य पर्वों पर यहाँ विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं।

सांस्कृतिक रूप से भी चरण गंगा नदी का योगदान उल्लेखनीय है। स्थानीय लोककथाओं, भजनों और परंपराओं में इस नदी का वर्णन मिलता है। पीढ़ी दर पीढ़ी लोग इसके महत्व को मानते आए हैं।

आज के समय में चरण गंगा नदी के संरक्षण की आवश्यकता है। बढ़ते प्रदूषण और जल की कमी से इसका अस्तित्व प्रभावित हो रहा है। यदि समय रहते इसके संरक्षण के उपाय किए जाएँ, तो यह नदी भविष्य में भी लोगों के लिए आस्था, जीवन और समृद्धि का स्रोत बनी रह सकती है।

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