BHIMKUND

 भीमकुंड 

भीमकुंड मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध प्राकृतिक और पौराणिक स्थल है। यह स्थान विशेष रूप से अपनी गहरी जलराशि, अद्भुत रंग परिवर्तन और धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है। भीमकुंड विंध्य पर्वत श्रेणी के घने जंगलों के बीच स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ का शांत वातावरण पर्यटकों और श्रद्धालुओं दोनों को आकर्षित करता है।

भीमकुंड के बारे में प्रचलित मान्यता है कि इसका संबंध महाभारत के वीर पात्र भीम से है। कहा जाता है कि वनवास के दौरान पांडव इस क्षेत्र में आए थे। उस समय द्रौपदी को प्यास लगने पर भीम ने अपनी गदा से धरती पर प्रहार किया, जिससे यह जलकुंड प्रकट हुआ। तभी से इसका नाम भीमकुंड पड़ा। स्थानीय लोग इस कुंड को पवित्र मानते हैं और विशेष अवसरों पर यहाँ पूजा-अर्चना करते हैं।

भीमकुंड की एक अनोखी विशेषता इसका पानी है, जो मौसम और प्रकाश के अनुसार नीले, हरे और कभी-कभी गहरे काले रंग का दिखाई देता है। इसकी गहराई आज तक पूरी तरह मापी नहीं जा सकी है, जिससे इसे रहस्यमय माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह कुंड प्राकृतिक चट्टानों के बीच बना एक जलस्रोत है, जिसमें नीचे से निरंतर पानी आता रहता है।

पर्यटन की दृष्टि से भी भीमकुंड एक आकर्षक स्थल है। यहाँ आसपास हरियाली, चट्टानें और जंगल मिलकर सुंदर दृश्य प्रस्तुत करते हैं। बारिश के मौसम में यहाँ का सौंदर्य और बढ़ जाता है, हालांकि सुरक्षा कारणों से पानी में उतरने की मनाही रहती है।

भीमकुंड न केवल प्राकृतिक आश्चर्य है, बल्कि यह आस्था, इतिहास और प्रकृति का संगम भी है। मध्य प्रदेश आने वाले पर्यटकों के लिए यह स्थान शांति, रहस्य और सौंदर्य का अनूठा अनुभव प्रदान करता है।

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