ISHA FOUNDATION
ईशा फाउंडेशन: उद्देश्य, कार्य और योगदान
ईशा फाउंडेशन एक प्रसिद्ध गैर-लाभकारी आध्यात्मिक संस्था है, जिसकी स्थापना 1992 में योगी और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा की गई थी। इसका मुख्यालय तमिलनाडु के कोयंबटूर के समीप स्थित है। ईशा फाउंडेशन का प्रमुख उद्देश्य मानव जीवन में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन स्थापित करना है, ताकि व्यक्ति स्वस्थ, आनंदमय और जागरूक जीवन जी सके।
ईशा फाउंडेशन योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-विकास पर विशेष जोर देता है। यहाँ ईशा योग, इनर इंजीनियरिंग, शंभवी महामुद्रा और बच्चों के लिए ईशा संस्कृति स्कूल जैसे कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम आधुनिक जीवन की चुनौतियों—तनाव, चिंता और असंतुलन—से निपटने में लोगों की सहायता करते हैं। ईशा के योग कार्यक्रम भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में आयोजित किए जाते हैं।
आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ-साथ ईशा फाउंडेशन सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यों में भी सक्रिय है। रैली फॉर रिवर्स और सेव सॉइल जैसे वैश्विक अभियानों के माध्यम से संस्था ने नदियों और मिट्टी के संरक्षण का संदेश दिया है। ग्रामीण विकास के अंतर्गत ईशा ने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आजीविका से जुड़ी कई योजनाएँ चलाई हैं, जिससे हजारों ग्रामीण परिवारों को लाभ मिला है।
ईशा फाउंडेशन की पहचान इसकी विशाल और शांत आध्यात्मिक संरचनाओं से भी है। आदियोगी शिव प्रतिमा और ध्यानलिंग जैसे स्थल साधकों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करते हैं। ये स्थान ध्यान और आत्मचिंतन के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करते हैं।
इस प्रकार ईशा फाउंडेशन आध्यात्मिक जागरूकता, सामाजिक सेवा और पर्यावरण संरक्षण का संतुलित उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसका लक्ष्य व्यक्ति के आंतरिक विकास के साथ-साथ समाज और प्रकृति के कल्याण को सुनिश्चित करना है।
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