VIVAH PANCHAMI

 विवाह पंचमी

विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है, जो मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के पावन विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। विशेष रूप से यह पर्व नेपाल के जनकपुर और भारत के अयोध्या में अत्यंत श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जनकपुर में राजा जनक के दरबार में भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। विवाह पंचमी के दिन इस ऐतिहासिक और पौराणिक घटना का प्रतीकात्मक आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु इस दिन उपवास रखते हैं और राम-सीता की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और सामंजस्य बना रहता है।

जनकपुर में विवाह पंचमी का उत्सव कई दिनों तक चलता है। अयोध्या से भगवान राम की बारात जनकपुर पहुँचने की परंपरा निभाई जाती है। सजी-धजी झांकियाँ, पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य और धार्मिक अनुष्ठान इस पर्व को और भी भव्य बना देते हैं। जानकी माता मंदिर इस अवसर पर विशेष रूप से सजाया जाता है और लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए एकत्र होते हैं।

भारत के विभिन्न हिस्सों में भी विवाह पंचमी का आयोजन मंदिरों और रामभक्तों द्वारा किया जाता है। इस दिन रामचरितमानस का पाठ, भजन-कीर्तन और कथा-प्रवचन होते हैं। कई स्थानों पर सामूहिक विवाह और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

विवाह पंचमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह आदर्श दांपत्य जीवन, प्रेम, मर्यादा और कर्तव्य का प्रतीक है। यह पर्व समाज में पारिवारिक मूल्यों को मजबूत करने और आपसी प्रेम व सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है।

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