SARTHEBARI Assan
सार्थेबाड़ी असम राज्य के बारपेटा ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध कस्बा है, जो अपनी अनोखी पीतल और कांसे की कारीगरी के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। यह स्थान असम की पारंपरिक हस्तशिल्प विरासत का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। सार्थेबाड़ी की पहचान यहाँ बनने वाले पारंपरिक बर्तन और सजावटी वस्तुओं से है, जिन्हें स्थानीय भाषा में “कह” कहा जाता है।
सार्थेबाड़ी में पीतल और कांसे के बर्तन बनाने की परंपरा सदियों पुरानी है। यहाँ के कारीगर पारंपरिक तरीकों से थाली, लोटा, कलश, दीपक, घंटी और पूजा से संबंधित अनेक वस्तुएँ तैयार करते हैं। इन बर्तनों का उपयोग असमिया समाज में धार्मिक अनुष्ठानों, विवाह और त्योहारों के दौरान विशेष रूप से किया जाता है। कारीगरी में हाथ से हथौड़ी मारकर धातु को आकार देना एक विशिष्ट कला है, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी सिखाया गया है।
सांस्कृतिक दृष्टि से सार्थेबाड़ी असम की लोक परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। यहाँ बिहू जैसे प्रमुख त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं। इन अवसरों पर स्थानीय हस्तशिल्प और संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है। सार्थेबाड़ी के बने पीतल के बर्तन न केवल असम, बल्कि देश-विदेश में भी पसंद किए जाते हैं।
आधुनिक समय में सार्थेबाड़ी की कारीगरी को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे मशीन से बने सस्ते उत्पादों की प्रतिस्पर्धा। इसके बावजूद, सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा कारीगरों को प्रशिक्षण, विपणन और पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हस्तशिल्प मेलों और प्रदर्शनियों के माध्यम से सार्थेबाड़ी के उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कुल मिलाकर, सार्थेबाड़ी असम की पारंपरिक धातु कारीगरी, सांस्कृतिक विरासत और मेहनतकश कारीगरों का प्रतीक है। यह स्थान भारतीय हस्तशिल्प परंपरा में एक विशेष और सम्मानित स्थान रखता है।
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