CHHENA JHILI

 छेना झीली ओडिशा की एक पारंपरिक और अत्यंत लोकप्रिय मिठाई है, जो अपने अनोखे स्वाद और बनावट के लिए जानी जाती है। यह मिठाई मुख्य रूप से छेना यानी ताज़ा पनीर से बनाई जाती है और बाहर से कुरकुरी व अंदर से मुलायम होती है। ओडिशा के त्योहारों, धार्मिक अवसरों और पारिवारिक समारोहों में छेना झीली का विशेष स्थान है।

छेना झीली बनाने की प्रक्रिया सरल लेकिन कौशलपूर्ण होती है। सबसे पहले दूध को फाड़कर छेना तैयार किया जाता है। इस छेने को अच्छी तरह मसलकर चिकना किया जाता है ताकि उसमें कोई दाने न रहें। इसके बाद इससे छोटे-छोटे चपटे गोल आकार बनाए जाते हैं। इन गोलियों को धीमी आँच पर घी या तेल में तला जाता है, जिससे बाहर की सतह सुनहरी और कुरकुरी हो जाती है। तलने के बाद इन्हें गाढ़ी चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है, जिससे मिठास भीतर तक समा जाती है।

छेना झीली का स्वाद रसगुल्ले से थोड़ा अलग होता है। जहाँ रसगुल्ला उबला हुआ और स्पंजी होता है, वहीं छेना झीली तली हुई होने के कारण हल्की कुरकुराहट लिए रहती है। चाशनी में डूबने के बाद भी इसकी बनावट संतुलित रहती है। कई स्थानों पर इसमें इलायची या केसर का हल्का स्वाद भी मिलाया जाता है, जिससे इसकी खुशबू और स्वाद बढ़ जाता है।

यह मिठाई ओडिशा के कटक और आसपास के क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रसिद्ध है। पूजा-पाठ, विवाह, जन्मदिन और उत्सवों में छेना झीली को शुभ माना जाता है। आज यह मिठाई ओडिशा से बाहर भी लोकप्रिय हो रही है और विभिन्न मिठाई दुकानों में आसानी से मिल जाती है।

कुल मिलाकर छेना झीली ओडिशा की समृद्ध मिठाई परंपरा का सुंदर उदाहरण है, जो सरल सामग्री से तैयार होकर भी अद्भुत स्वाद प्रदान करती है।

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