DIFFERENT TYPES OF SAAG

 

भारत में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के साग

साग भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हरी पत्तेदार सब्जियों से बनाया जाता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार के साग बनाए जाते हैं, जिनका स्वाद और पोषण मूल्य अलग होता है। आइए जानते हैं भारत में मिलने वाले कुछ प्रमुख सागों के बारे में।


1. सरसों का साग

  • यह सबसे लोकप्रिय साग है, खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत में।
  • इसे सरसों के पत्तों, बथुआ, मेथी और पालक के साथ बनाया जाता है।
  • इसे मक्के की रोटी और घी के साथ परोसा जाता है।

2. पालक का साग

  • इसे ताजा पालक के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होता है।
  • इसे दाल या पनीर के साथ भी बनाया जाता है।

3. बथुआ का साग

  • यह ठंड के मौसम में ज्यादा खाया जाता है।
  • यह पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • इसे पराठे, दाल या अन्य सागों के साथ मिलाकर बनाया जाता है।

4. मेथी का साग

  • इसे ताजी मेथी के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह हल्का कड़वा लेकिन बहुत पौष्टिक होता है।
  • इसे आलू, मूंग दाल या बेसन के साथ मिलाकर पकाया जाता है।

5. चौलाई का साग (अमरंथ साग)

  • इसे चौलाई (लाल या हरी) के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है और खून की कमी को दूर करता है।

6. गोंडली का साग

  • इसे कोंडली के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह झारखंड और छत्तीसगढ़ में बहुत लोकप्रिय है।

7. कुल्फा का साग

  • इसे कुल्फा के पत्तों से बनाया जाता है, जो ठंडक देने वाला होता है।
  • इसे दाल और चावल के साथ खाया जाता है।

8. सहजन (ड्रमस्टिक) का साग

  • इसे सहजन के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह आयरन, कैल्शियम और विटामिन से भरपूर होता है।

9. चौलाई और बेसन का साग

  • इसमें चौलाई के पत्तों और बेसन को मिलाकर बनाया जाता है।
  • यह राजस्थान और मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध है।

10. लाल साग (रेड अमरंथ साग)

  • इसे लाल चौलाई के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

11. गाजर के पत्तों का साग

  • इसे गाजर के हरे पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह शरीर को पोषण देता है और खून साफ करने में मदद करता है।

12. धनिया और पुदीना का साग

  • इसे ताजा धनिया और पुदीना के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह हल्का और बहुत ही सुगंधित होता है।

13. पपीते के पत्तों का साग

  • इसे पपीते के पत्तों से बनाया जाता है, जो बहुत ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

14. कुल्थी का साग

  • इसे कुल्थी (हॉर्स ग्राम) के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह शरीर को गर्म रखता है और जोड़ों के दर्द में लाभदायक होता है।

15. सूरन (जिमीकंद) के पत्तों का साग

  • इसे सूरन के पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह फाइबर और पोषण से भरपूर होता है।

16. नटेवा साग (सजना पत्ता)

  • इसे झारखंड, ओडिशा और बिहार में बहुत खाया जाता है।
  • इसे दाल या बेसन के साथ बनाया जाता है।

17. गुड़हल (हिबिस्कस) के पत्तों का साग

  • इसे गुड़हल के लाल पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है।

18. कटहल के पत्तों का साग

  • इसे झारखंड और बंगाल में बनाया जाता है।
  • यह पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है।

19. कद्दू के पत्तों का साग

  • इसे कद्दू के मुलायम पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह शरीर को ठंडा रखता है और पोषण देता है।

20. चने के पत्तों का साग

  • इसे चने के हरे पत्तों से बनाया जाता है।
  • यह बहुत ही स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होता है।

निष्कर्ष

साग भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है और यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह के साग बनाए जाते हैं, जो पोषण और स्वाद से भरपूर होते हैं। आप अपने आहार में इन विभिन्न प्रकार के सागों को शामिल करके स्वस्थ और स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं!

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