SRI MEENAKSHI TEMPLE MADURAI
श्री मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
श्री मीनाक्षी मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के मदुरै शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर देवी मीनाक्षी (मां पार्वती का एक रूप) और भगवान सुंदरेश्वर (भगवान शिव) को समर्पित है। अपनी भव्य वास्तुकला, समृद्ध इतिहास और धार्मिक महत्व के कारण यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
इतिहास और पौराणिक महत्व
माना जाता है कि मीनाक्षी मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में पांड्य राजाओं द्वारा किया गया था, लेकिन वर्तमान संरचना का निर्माण 16वीं शताब्दी में नायक वंश के राजा तिरुमलै नायक ने करवाया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी मीनाक्षी का जन्म पांड्य राजा मलयध्वज और रानी कांचनमाला के घर हुआ था। भगवान शिव, सुंदरेश्वर के रूप में उनसे विवाह करने के लिए मदुरै आए थे। इस विवाह को "मीनाक्षी-सुंदरेश्वर विवाह" के रूप में मनाया जाता है, जो मदुरै में वार्षिक "चिथिरई महोत्सव" का मुख्य आकर्षण होता है।
वास्तुकला और विशेषताएँ
मीनाक्षी मंदिर भारतीय द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गोपुरम (प्रवेश द्वार) – मंदिर के 14 विशाल गोपुरम हैं, जिनमें से सबसे ऊँचा गोपुरम लगभग 170 फीट ऊँचा है। ये रंगीन मूर्तियों और देवी-देवताओं की नक्काशी से सुसज्जित हैं।
- अयिरम काल मंडपम् (हजार स्तंभों वाला मंडप) – इस मंडप में 985 उत्कृष्ट रूप से नक्काशीदार स्तंभ हैं, जो द्रविड़ कला और स्थापत्य का बेहतरीन नमूना हैं।
- स्वर्ण कमल सरोवर – यह मंदिर के भीतर स्थित एक पवित्र तालाब है, जिसे तीर्थ स्थल माना जाता है।
- सुंदरेश्वर और मीनाक्षी गर्भगृह – यहाँ देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
त्योहार और धार्मिक महत्व
मीनाक्षी मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में चिथिरई महोत्सव, नवरात्रि, महाशिवरात्रि और दीपावली प्रमुख हैं।
निष्कर्ष
मदुरै का श्री मीनाक्षी मंदिर भारतीय संस्कृति, कला और भक्ति का एक अद्भुत संगम है। इसकी भव्यता और धार्मिक महत्व इसे दक्षिण भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक बनाते हैं।
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